उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के सरकारी बंगले को खाली करने से पहले ही तोड़फोड़ का मामला राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप में बदल गया है।
राज्यपाल राम नाईक ने इस मामले में कार्रवाई करने के लिए राज्य की योगी सरकार से सिफारिश की है, वहीं जांच कराने की भी बात कही गई है। अब इसी मामले को लेकर अखिलेश यादव ने मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने आरोप लगाया कि बंगला खाली करवाने के पीछे षड्यंत्र है।
उन्होंने कहा, ‘हम मानते हैं कि यह सुप्रीम कोर्ट का फैसला है। कोर्ट का फैसला स्वीकार है। लेकिन हमारा और मायावती जी का बंगला खाली करवाने के पीछे षड्यंत्र है। सरकारें षड्यंत्र किया करती हैं।‘
अखिलेश यादव ने कहा कि वह घर मुझे मिलने जा रहा था, इसलिए मैंने उसे अपने तरीके से बनाने का काम किया था। उन्होंने कहा कि कई लोगों ने कहा कि नल की टोंटी उठा ले गए जबकि टोंटी आज भी वहीं है।
'मुझे मेरा मंदिर लौटा दो'
प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश ने टोंटी दिखाते हुए कहा कि एक लैपटॉप की कीमत से ज्यादा टोंटी की कीमत नहीं है। उन्होंने कहा, 'मैं टोंटी लेकर आया हूं। अगर सरकार को ये लगे कि कोई टोंटी मैं लेकर चला गया हूं, सरकार गिनती बता दे, मैं पूरी की पूरी टोंटी देने के लिए तैयार हूं।'
उन्होंने कहा कि बंगले में जो मंदिर है वो हमने बनवाया था, हमें हमारा मंदिर लौटा दो। अखिलेश ने कहा कि ये लोग गोरखपुर की हार स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं।
अखिलेश ने कहा कि अगर जांच में कोई चीज गायब मिले तो उसे हम वापस देने को तैयार है लेकिन ये लोग जले भुने लोग हैं। इन्हें काम से कोई मतलब नहीं है। पूर्व यूपी सीएम बोले कि ये अधिकारी लोग मुझसे कहते थे कि आपका एहसान नही भूलूंगा, आज बदल गए।
अखिलेश ने यूपी के राज्यपाल राम नाईक पर आरोप लगाते हुए कहा कि आज कई सोए हुए लोग जाग गए और उन्होंने चिट्ठी लिख दी।
उन्होंने कहा, ‘ये भी कहा गया कि स्वीमिंग पूल में मिट्टी डलवा दी। आप मुझे दिखा दो वहां कहां स्वीमिंग पूल था। मैं भी देखना चाहता हूं। आपके पास गूगल अर्थ है, उससे देख लीजिए। मुख्यमंत्री खुद बंगले के ऊपर ‘पुष्पक विमान’ से उड़ते हैं।‘
मीडिया पर लगाए आरोप
अखिलेश यादव ने मीडिया की रिपोर्टिंग पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि गलत एंगल से बंगले की फोटोग्राफी की गई। ऐसी फोटो दिखाई गई जिसमें सब उखड़ा हुआ दिखे। मैं भी फोटोग्राफी जानता हूं। मैं दूसरे एंगल से खींच के दिखा दूं तो वहीं बंगला शानदार दिखे।
राज्यपाल ने दिखाई सख्ती
इस मामले में राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि आम लोगों से वसूले गए टैक्स के पैसों से सरकारी बंगलों का रखरखाव होता है और बंगला खाली करने से पहले की गई तोड़फोड़ बहुत ही गंभीर और अनुचित मामला है, ऐसे में इस पर विधिसम्मत कार्रवाई की जानी चाहिए।
'सरकारी संपत्ति को पहुंचाया नुकसान'
राज्यपाल ने शासन को लिखे पत्र में कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री के बंगले में तोड़फोड़ किए जाने को लेकर लोगों में चिंता और चर्चा है इसलिए इसकी जांच कराई जानी चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सरकारी बंगले 4 विक्रमादित्य मार्ग में खाली करने से पहले किया गया तोड़फोड़ बहुत ही गंभीर और गलत मामला है। इसमें सरकारी संपत्ति को नुकसान पंहुचाया गया है।
राज्य सरकार सौंपेगी रिपोर्ट
सरकारी बंगले में तोड़फोड़ पर राज्यपाल की ओर से कार्रवाई के लिए लिखी गई चिट्ठी के बाद अब राज्य संपत्ति विभाग इस मामले पर बुधवार को रिपोर्ट सरकार को सौंप सकता है इससे पहले मंगलवार को राज्यपाल ने राज्य संपत्ति विभाग के अधिकारियों को बुलाकर बंगले में
सरकारी बंगले में तोड़फोड़ पर राज्यपाल की ओर से कार्रवाई के लिए लिखी गई चिट्ठी के बाद अब राज्य संपत्ति विभाग इस मामले पर बुधवार को रिपोर्ट सरकार को सौंप सकता है। इससे पहले मंगलवार को राज्यपाल ने राज्य संपत्ति विभाग के अधिकारियों को बुलाकर बंगले में तोड़फोड़ की पूरी जानकारी ली।