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अब ऐसे पहचानें WhatsApp पर आने वाली खबरों की सच्चाई

सोशल मीडिया पर दिन पर दिन बढ़ती अफवाहों और झूठी खबरों को देखते हुए फेसबुक के स्वामित्व वाला व्हाट्सऐप...
अब ऐसे पहचानें WhatsApp पर आने वाली खबरों की सच्चाई

सोशल मीडिया पर दिन पर दिन बढ़ती अफवाहों और झूठी खबरों को देखते हुए फेसबुक के स्वामित्व वाला व्हाट्सऐप लगातार अपने उपभोक्ताओं को एक के बाद एक नई जानकारियां दे रहा है। केंद्र सरकार की तरफ से लगातार झूठी खबरों और अफवाहों को लेकर व्हाट्सऐप पर दबाव बना हुआ है कि किस तरह झूठी और अफवाहों भरी खबरों पर लगाम लगाई जा सके या किस तरह इनसे बचा जा सके। यही वजह है कि व्हाट्सऐप लगातार इस दिशा में अपने उपभोक्ताओं को ऐसी खबरों से बचने या उन्हें पहचानने की तरकीब बता रहा है।   

अक्सर व्हाट्सऐप पर भेजा गया एक सिंगल मैसेज कई बार शेयर होता है तो वहीं उसमें कई बार बदलाव करके भी आगे वाले यूजर को फॉरवर्ड किया जाता है। लेकिन उस यूजर को इस बात की जरा सी भी भनक नहीं लगती कि वो फेक न्यूज है जिससे रोजाना नए नए तरीकों की मदद से फैलाया जा रहा है।

फेक न्यूज को लेकर सरकार और कंपनी के बीच कई बार हो चुकी है मीटिंग

पिछले 8 महीनों में भारत में व्हॉट्सएप पर फैली फेक न्यूज की वजह से अभी तक कई जानें जा चुकी हैं। सरकार और कंपनी के बीच कई बार मीटिंग भी हो चुकी है। जहां ये कहा गया है कि इससे लड़ने की पूरी तैयारी चल रही है। तो वहीं व्हॉट्सएप भी कई सारे फीचर्स लेकर आया है जिससे अब ये पता चल जाता है कि किस मैसेज को किसी ने फॉरवर्ड किया है और किसे खुद से लिखकर भेजा है।

लगातार फेक न्यूज से बचने के लिए विज्ञापन देता है व्हॉट्सएप

व्हॉट्सएप लगातार कई जगह फेक न्यूज से बचने के लिए विज्ञापन देता रहा है, जिससे लोगों की जानें न जा सके और कई सारे लोगों को इस बारे में जागरूक किया जा सके। भारत में व्हॉट्सएप का इस्तेमाल कुल 200 बिलियन लोग करते हैं। ये एप आपको फ्री ऑडियो और वीडियो कॉलिंग की भी सुविधा देता है।

व्हाट्सऐप ने इन तीन बिंदुओं में बताए खबरों की पहचान के तरीके-

व्हाट्सऐप ने भारत के कई बड़े अखबारों में इस जानकारी से संबंधित एक पूरे पेज का विज्ञापन दिया है। इस विज्ञापन में व्हाट्सऐप पर आने वाली फर्जी खबरों को पहचानने के तरीके बताए हैं। व्हाट्सऐप ने अपने विज्ञापन का शीर्षक 'अफवाहों और झूठी खबरों को WhatsApp पर फैलने से रोकने में मदद कीजिए' रखा है।

- ऐसी खबरें पहचानिए जो झूठी (फेक) हो सकती हैं

ऐसे संकेतों की जांच कीजिए जिनसे यह तय करने में मदद मिले कि जानकारी सच या झूठ, उदाहरण के लिए, फॉरवार्डेड मैसेजेस जिनका स्रोत ना हो, प्रमाण ना हो या ऐसे मैसेज जिनसे आपको गुस्सा आए। ऐसे मैसेज इस बात का संकेत हो सकते हैं कि वे सच नहीं है। फोटो, वीडियो और यहां तक कि वॉयस रिकॉर्डिंग भी एडिट की जा सकती है ताकि आपको गुमराह किया जा सके।

- अन्य स्रोतों से भी उसकी जांच कर लें

सच्चाई जानने के लिए ऑनलाइन सर्च कीजिए और भरोसेमंद समाचार की वेबसाइट्स से यह पता कीजिए यह स्टोरी कहां से आई है। अगर फिर भी शक हो तो सच्चाई जांचने वाली वेबसाइट्स भरोसेमंद लोगों या कम्युनिटी लीडर्स से अधिक जानकारी हासिल करें।

- अफवाहों को फैलने से रोकिए

अगर आपको लगता है कि कुछ फर्जी या फेक है तो लोगों से कहिए कि वे जानकारी शेयर करने से पहले उसकी जांच कर लें। मैसेज को सिर्फ इसलिए शेयर ना करें क्योंकि कोई आपको शेयर करने के लिए कह रहा है। भले ही वे आपके मित्र ही क्यों ना हों।

गौरतलब है कि कुछ महीने पहले भी व्हाट्सऐप ने फर्जी खबरों को रोकने के लिए विज्ञापन जारी किए थे। उस विज्ञापन में भी लोगों से फर्जी खबरों को फैलने से रोकने के लिए अपील की गई थी।

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