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ईरान में सत्ता परिवर्तन हुआ तो कौन बनेगा सुप्रीम लीडर? ये हैं संभावित उम्मीदवार

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई, जो 1989 से सत्ता में हैं, की मृत्यु या शासन के पतन की स्थिति...
ईरान में सत्ता परिवर्तन हुआ तो कौन बनेगा सुप्रीम लीडर? ये हैं संभावित उम्मीदवार

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई, जो 1989 से सत्ता में हैं, की मृत्यु या शासन के पतन की स्थिति में उत्तराधिकारी का सवाल चर्चा में है। इजरायल के साथ हाल के सैन्य संघर्ष और खामेनेई के खिलाफ बढ़ते खतरे ने इस चर्चा को और तेज कर दिया है। उत्तराधिकार की प्रक्रिया ईरान की विधानसभा विशेषज्ञ, जिसमें 88 धार्मिक विद्वान शामिल हैं, द्वारा संचालित होगी। यह निकाय संवैधानिक रूप से सर्वोच्च नेता को नियुक्त करने, निगरानी करने और आवश्यकता पड़ने पर हटाने के लिए जिम्मेदार है। 

संभावित दावेदार:

1. मजतबा खामेनेई: खामेनेई के दूसरे बेटे, मजतबा, एक प्रमुख दावेदार हैं। उनके इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) और रूढ़िवादी अभिजन के साथ मजबूत संबंध हैं। हालांकि, वंशानुगत उत्तराधिकार का विचार क्रांति के सिद्धांतों के खिलाफ माना जाता है, जिसके कारण विवाद है। बीबीसी पर्शियन के सर्वेक्षण में 30 विशेषज्ञों ने मजतबा को संभावित उत्तराधिकारी माना, लेकिन ईरान का संविधान वंशानुगत शासन को “गैर-इस्लामिक” मानता है।

2. अलीरेजा अराफी: एक वरिष्ठ धार्मिक विद्वान और विधानसभा विशेषज्ञ के उपाध्यक्ष, अराफी कोम के शीर्ष धार्मिक मदरसे के प्रमुख और गार्जियन काउंसिल के सदस्य हैं। उनकी रूढ़िवादी विचारधारा और सत्ताधारी अभिजन के साथ गहरे संबंध उन्हें मजबूत दावेदार बनाते हैं।

3. हाशम हुसैनी बुस्हेरी: विधानसभा विशेषज्ञ के प्रथम उपाध्यक्ष और कोम मदरसा सोसाइटी के नेता, बुस्हेरी को खामेनेई द्वारा नियुक्त शुक्रवार की नमाज के इमाम के रूप में जाना जाता है। उनकी धार्मिक और राजनीतिक साख उन्हें एक संभावित उम्मीदवार बनाती है।

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दावा किया कि खामेनेई की हत्या से इजरायल-ईरान संघर्ष समाप्त हो सकता है, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने खामेनेई की हत्या की इजरायली योजना को वीटो कर दिया। विशेषज्ञों का मानना है कि खामेनेई की अनुपस्थिति में शासन अस्थायी रूप से अनुकूलन कर सकता है, लेकिन दीर्घकालिक स्थिरता के लिए नया नेतृत्व महत्वपूर्ण होगा। ईरान के शिया गठबंधन और क्षेत्रीय प्रभाव पर भी इसका असर पड़ सकता है।

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