भारत के डाक विभाग ने शनिवार को घोषणा की कि अमेरिका के लिए जाने वाले सभी प्रकार के डाक पार्सल और लेख अस्थायी रूप से बंद किए जा रहे हैं। यह फैसला अमेरिकी सरकार के नए ड्यूटी नियमों और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 50% टैरिफ लगाने के बाद लिया गया है।
डाक विभाग ने कहा कि अब अमेरिका जाने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय डाक सामान, चाहे उनकी कीमत कुछ भी हो, उन पर कस्टम ड्यूटी लगाई जाएगी। यह व्यवस्था अमेरिका के इंटरनेशनल इमरजेंसी इकोनॉमिक पावर एक्ट (IEEPA) के तहत बनाई गई है। हालांकि, 100 डॉलर तक के गिफ्ट आइटम पर अभी भी ड्यूटी नहीं लगेगी और वे छूट के दायरे में रहेंगे।
अमेरिकी कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (CBP) ने 15 अगस्त 2025 को कुछ दिशा-निर्देश जारी किए थे, जिसमें कहा गया था कि अंतरराष्ट्रीय डाक नेटवर्क से भेजी जाने वाली वस्तुओं या फिर “क्वालिफाइड पार्टी” के तौर पर मान्यता प्राप्त शिपमेंट एजेंसियाँ ही ड्यूटी वसूलेंगी और जमा करेंगी। लेकिन अब तक यह साफ नहीं है कि किन एजेंसियों को “क्वालिफाइड पार्टी” माना जाएगा और ड्यूटी की वसूली तथा भुगतान की व्यवस्था कैसे होगी।
भारत के डाक विभाग ने बताया कि अमेरिका जाने वाली हवाई कंपनियों ने भी अपनी “तकनीकी और संचालन संबंधी तैयारी की कमी” का हवाला देते हुए डाक पार्सल स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। इस वजह से विभाग ने 25 अगस्त से अमेरिका के लिए सभी तरह के डाक बुकिंग को अस्थायी रूप से बंद करने का निर्णय लिया है। इसमें सिर्फ 100 डॉलर तक के गिफ्ट आइटम को छूट दी गई है।
डाक विभाग ने कहा कि वह स्थिति पर नज़र रख रहा है और सभी पक्षों के साथ मिलकर जल्द से जल्द सेवाओं को सामान्य करने की कोशिश कर रहा है। जिन ग्राहकों ने पहले से अमेरिका के लिए बुकिंग की है और जिनका सामान अब भेजा नहीं जा सकेगा, उन्हें पोस्टेज की वापसी दी जाएगी।
यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ गया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारतीय वस्तुओं पर 50% टैरिफ लगाया है और साथ ही रूस से तेल खरीदने के कारण अतिरिक्त 25% पेनल्टी भी लगाई है। भारत ने इस फैसले को “अनुचित, अन्यायपूर्ण और अस्वीकार्य” बताया है और कहा है कि राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे।