भारत-चीन के सैनिकों के बीच हिंसक टकराव होने के बाद दिल्ली में सरगर्मियां तेज हो गई हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने साउथ ब्लॉक में विदेशी मंत्री एस. जयशंकर, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमखों के साथ मौजूदा हालात की समीक्षा की।
1975 में अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सैनिकों पर चीनी सैनिकों के हमले की घटना के बाद पहली बार इस तरह की घटना हुई है जिसमें चीन से लगी सेना पर भारतीय जवानों की मौत हुई। राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख के गलवार घाटी की वर्तमान स्थिति के बारे में सेना प्रमुखों से विवरण देने को कहा है। उन्होंने राजनयिक स्तर पर इस मामले में आवश्यक उपायों पर भी सेना प्रमुखों से चर्चा की।
सेना प्रमुख का कश्मीर दौरा रद्द
भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे को आज सुबह कश्मीर जाना था लेकिन सोमवार की रात को एलएसी पर यह घटना होने के बाद उन्होंने अपना दौरा रद्द कर दिया। सेना के सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री ने कल रात चीन के सैनिकों से साथ हुई हिंसक झड़प के बाद चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, तीनों सेना प्रमुखों के साथ हालात की समीक्षा की। इस बैठक में विदेश मंत्री भी मौजूद थे।
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों की वार्ता के दौरान हिंसक टकराव होने से एक इन्फेंट्री बटालियन के कर्नल और दो जवानों की मौत हो गई। हालांकि सेना का कहना है कि इस टकराव में गोलियां नहीं चलीं।