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टिकरी बॉर्डर पर 49 वर्षीय किसान ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में कृषि कानूनों को ठहराया जिम्मेदार

दिल्ली के टिकरी बॉर्डर विरोध स्थल के पास एक किसान ने आत्महत्या कर ली है। पुलिस के अनुसार किसान हरियाणा...
टिकरी बॉर्डर पर 49 वर्षीय किसान ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में कृषि कानूनों को ठहराया जिम्मेदार

दिल्ली के टिकरी बॉर्डर विरोध स्थल के पास एक किसान ने आत्महत्या कर ली है। पुलिस के अनुसार किसान हरियाणा के हिसार जिले का था। उसकी पहचान 49 वर्षीय राजबीर के रूप में हुई है जिसने पेड़ से खुद को लटका कर अपनी जान ले ली। इतना ही नहीं किसान ने आत्महत्या करने से पहले एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है।

पुलिस के अनुसार सुसाइड नोट में लिखा गया है कि उसके इस कदम के लिए तीन कृषि कानून जिम्मेदार है। केंद्र को इस कानूनों को निरस्त करके अंतिम इच्छा पूरी करनी चाहिए।

दिल्ली बॉर्डर पर आत्महत्या के मामले

पिछले महीने ही टिकरी बॉर्डर पर हरियाणा के जींद जिले के एक किसान ने आत्महत्या की थी। 52 वर्षीय कर्मवीर की लाश टिकरी बॉर्डर पर बाईपास बस स्टैड के पास एक पेड़ से लटकती हुई पाई गई थी।

इससे पहले हरियाणा के एक अन्य किसान ने टिकरी बॉर्डर पर कथित रूप जहर खा लिया था। जिसकी दिल्ली में एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई।

पिछले दिसंबर में पंजाब के एक वकील ने टिकरी बॉर्डर पर विरोध स्थल से कुछ किलोमीटर दूर जहर खाकर खुदकुशी कर दी थी।

इससे पहले, सिख उपदेशक संत राम सिंह ने भी कथित तौर पर सिंघु सीमा के पास अपना जीवन समाप्त कर लिया था। उनका कहना था कि उनसे किसानों का दर्द सहन नहीं हो रहा है।

बता दें कि प्रदर्शनकारी किसान नेता केंद्र सरकार की ओर से लाए गए कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं. ये किसान नेता 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं.

 

 

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