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इस साल 51% उम्‍मीदवारों ने छोड़ी सिविल सेवा परीक्षा

देश की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में शुमार यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में ज्‍यादातार उम्‍मीदवार इम्तिहान में बैठे बिना ही दौड़ से बाहर हो जाते हैं। इस साल करीब 51 फीसदी उम्‍मीदवार आवेदन करने के बावजूद परीक्षा में शामिल नहीं हुए। इस तरह ज्‍यादातर उम्‍मीदवारों का प्रशासनिक सेवा में जाने का सपना सिर्फ फार्म भरने तक सीमित रह गया।
इस साल 51% उम्‍मीदवारों ने छोड़ी सिविल सेवा परीक्षा

ताजा आंकड़ों के अनुसार, इस साल सिविल सेवा परीक्षा के लिए रिकार्ड नौ लाख 45 हजार 908 उम्मीदवारों ने आवेदन किया था जिसमें से तकरीबन 4.63 लाख उम्मीदवारों ने ही 23 अगस्त को हुई प्रारंभिक परीक्षा दी। यानी करीब 49 फीसदी उम्‍मीदवार ही आवेदन करने के बाद परीक्षा में शामिल हुए। गौरतलब है कि सिविल सेवा परीक्षा में सीमित अवसरों की वजह से भी कई उम्‍मीदवार पूरी तैयारी के बगैर परीक्षा देना उचित नहीं समझते। 

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने सोमवार को इस साल की सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम घोषित किया। प्रारंभिक परीक्षा में शामिल हुए कुल 4.63 लाख उम्‍मीदवारों में 15008 हजार परीक्षार्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए सफल घोषित किया गया है। इस तरह प्रारंभिक परीक्षा देने वाले उम्‍मीदवारों में से करीब 3 फीसदी ही सफल हो पाए। इस बार प्रारंभिक परीक्षा के नतीजे 50 दिनों के भीतर घोषित किए गए हैं जो परिणाम घोषित करने की सबसे छोटी अवधि है। 

प्रारंभिक परीक्षा में सफल उम्मीदवारों को अब सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के लिए आॅनलाइन आवेदन करना है। मुख्य परीक्षा 18 दिसंबर 2015 से होगी। यूपीएससी हर साल प्रारंभिक परीक्षा, मुख्‍य परीक्षा और साक्षत्‍कार के जरिये भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय विदेश सेवा, भारतीय पुलिस सेवा, भारतीय राजस्‍व सेवा जैसी 20 से ज्‍यादा सर्वोच्‍च केंद्रीय सेवाओं के लिए उम्‍मीदवारों का चयन करता है। देश भर से परीक्षा के लिए आवेदन करने वाले 9 लाख से ज्‍यादा उम्‍मीदवारों में से करीब 800-900 उम्‍मीदवार ही सिविल सेवा के लिए चयनित होते हैं। यानी औसतन एक हजार में से सिर्फ एक उम्‍मीदवार को ही कामयाबी मिल पाती है। 

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