प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम के जरिये देश को संबोधित किया। कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहे किसानों के आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री ने कहा, "बीते दिनों हुए कृषि सुधारों ने किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोले हैं। इन अधिकारों ने बहुत ही कम समय में किसानों की परेशानियों को कम करना शुरू कर दिया है।"
प्रधानमंत्री ने कहा "काफ़ी विचार विमर्श के बाद भारत की संसद ने कृषि सुधारों को कानूनी स्वरूप दिया। इन सुधारों से न केवल किसानों के अनेक बन्धन समाप्त हुए हैं , बल्कि उन्हें नये अधिकार भी मिले हैं, नये अवसर भी मिले हैं।"
प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र के धुले के किसान जीतेंद्र भोइजी का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने नए कृषि कानूनों का इस्तेमाल किया। उन्होंने मक्के की खेती की थी और 3 लाख 32,000 में व्यापारियों को बेचना तय किया। उन्हें 25,000 अडवांस भी मिला, मगर उनका बाकी का पेमेंट फंस गया. 4 महीने तक उनका पेमेंट नहीं हुआ। बाद में नया कृषि कानून उनके काम आया।
उन्होंने कहा, "नए कृषि कानूनों के तहत एसडीएम को 1 महीने के अंदर उनकी शिकायत का निपटारा करना होता है। उन्होंने शिकायत की और चंद दिनों में उनकी शिकायत का निपटारा हो गया। कानून की सही और पूरी जानकारी ही जीतेंद्र की ताकत बनी।"
पीएम मोदी ने कार्यक्रम की शुरुआत में कहा कि आज के मन की बात की शुरुआत मैं खुशखबरी से करता हूं. हर भारतीय को यह जानकर गर्व होगा, कि देवी अन्नपूर्णा की एक बहुत पुरानी प्रतिमा कनाडा से वापस भारत आ रही है। यह प्रतिमा लगभग 100 साल पहले 1913 के करीब वाराणसी के एक मंदिर से चुराकर देश से बाहर भेज दी गई थी। इसके लिए मैं कनाडा सरकार और इस काम में लगे सभी लोगों का आभार व्यक्त करता हूं।