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लैटरल एंट्री पर अखिलेश का तंज- खुद को ठेके पर देकर विश्व भ्रमण पर निकल जाए भाजपा सरकार

केंद्र सरकार ने विभिन्न सरकारी विभागों से संयुक्त सचिव और निदेशक जैसे प्रमुख पदों को लेकर निजी...
लैटरल एंट्री पर अखिलेश का तंज- खुद को ठेके पर देकर विश्व भ्रमण पर निकल जाए भाजपा सरकार

केंद्र सरकार ने विभिन्न सरकारी विभागों से संयुक्त सचिव और निदेशक जैसे प्रमुख पदों को लेकर निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों को सीधे नियुक्त (लैटरल एंट्री) करने का फैसला किया है। इन विभागों में विशेषज्ञों की भर्ती के लिए सेंट्रल द्वारा नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। जिसके खिलाफ समाजवादी पार्टी प्रमुख और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।

नोटिफिकेशन को लेकर अखिलेश ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के ट्वीट पर तंज कसते हुए लिखा कि 'भाजपा खुले आम अपनों को लाने के लिए पिछला दरवाजा खोल रही है और जो अभ्यर्थी सालों-साल मेहनत करते हैं उनका क्या।'

'भाजपा सरकार अब खुद को भी ठेके पर देकर विश्व भ्रमण पर निकल जाए वैसे भी उनसे देश नहीं संभल रहा है।'

 

 

बता दें कि कार्मिक मंत्रालय 2018 से सीधे नियुक्ति की प्रक्रिया के जरिए ही आवेदन आमंत्रित कर रहा है, लेकिन अखिलेश यादव ने अब केंद्र सरकार के खिलाफ जाने का रास्ता अपना लिया है। उनके अनुसार भाजपा इस प्रक्रिया को अपनाकर अपने लोगों को इन विभागों में लाने के लिए रास्ते खोल रही है। उन्होंने केंद्र से सवाल भी किया है कि जो लोग मर-मर कर सालों इस सिविल सर्विसेज की तैयारी करते है अब उनका क्या होगा?

जानिए क्या है लैटरल एंट्री

सीधे प्रवेश मतलब निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों की सरकारी संगठनों में उच्च पदों पर भर्ती। आमतौर पर संयुक्त सचिव और निदेशक के पद पर संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की ओर से ली जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा और अन्य संगठनों द्वारा आयोजित परीक्षा में चुने गए अधिकारियों को नियुक्त किया जाता है, लेकिन अब कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, भारत सरकार से प्राप्त आवश्यकताओं के अनुसार राष्ट्र निर्माण की दिशा में योगदान करने के इच्छुक प्रतिभाशाली और प्रेरित भारतीय नागरिक भी संविदा के आधार पर इसमें शामिल हो सकते हैं।

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