मानव अधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने घोषणा की है कि वो आठ साल के सफल संचालन के बाद भारत में अपने परिचालन को रोकने का फैसला किया है। संगठन ने आरोप लगाया है कि उसके बैंक खाते को जब्त कर दिया गया था और सरकारी एजेंसी के "उत्पीड़न" का वो शिकार हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा संगठन के खातों को जब्त करने के हालिया कदम के बाद संगठन के निर्णय से लगभग 150 कर्मचारी प्रभावित होंगे। संगठन ने कहा कि वो भारत में कर्मचारियों को जाने देने को मजबूर हैं।
#NEWS: Amnesty International India Halts Its Work On Upholding Human Rights In India Due To Reprisal From Government Of Indiahttps://t.co/W7IbP4CKDq
— Amnesty India (@AIIndia) September 29, 2020
एक प्रेस बयान में एमनेस्टी ने कहा "भारत सरकार द्वारा एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के बैंक खातों की पूरी तरह से जब्त कर दिया गया है, जो 10 सितंबर को पता चला। संगठन द्वारा किए जा रहे सभी कामों को रोका जाता है।" इस बीच सरकार का कहना है कि वैश्विक अधिकार प्रहरी कभी भी विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम के तहत पंजीकृत नहीं है, जो किसी भी विदेशी वित्त पोषण के लिए आवश्यक है।