राजस्थान की जोधपुर जेल में यौन शोषण के मामले में सजा काट रहे आसाराम की तबीयत अचानक से बिगड़ गई, जिसके चलते उनको महात्मा गांधी अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया है। आसाराम को बेचैनी और सांस लेने में दिक्कत होने की शिकायत के बाद अस्पताल ले जाया गया। बता दें कि आसाराम जोधपुर की सेंट्रल जेल में नाबालिग का यौन शोषण करने के मामले में कारावास की सजा काट रहा है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार रात आसाराम को जेल में बेचैनी महसूस हुई, तो पहले जेल की डिस्पेंसरी में एक घंटे तक प्राथमिक उपचार दिया गया। उसके बाद महात्मा गांधी अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में लाया गया, जहां आसाराम ने बताया कि उसका ब्लड प्रेशर बढ़ जा रहा है, उसे बेचैनी हो रही है, वह ठीक से सांस नहीं ले पा रहा है। उसके घुटने भी काम नहीं कर रहे हैं।
वहीं खबरों के मुताबिक जब आसाराम को आपातकालीन लाया गया, तो उसके संगठन के कुछ लोग भी वहां पहुंच गए, जिन्हें पुलिस ने आकर बाहर निकाला। महात्मा गांधी अस्पताल में कई तरह की जांच होने के बाद आसाराम को मथुरादास माथुर अस्पताल के सीसीयू वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। आसाराम के बीमार होने की खबर पहुंचते ही आसाराम के समर्थक अस्पताल के बाहर बड़ी संख्या में पहुंच गए।
बता दें कि आसाराम पर लगे यौन शोषण मामले में बीते सप्ताह राजस्थान उच्चन्यायालय जोधपुर में सुनवाई होनी थी, मगर आसाराम के वकीलों के उपस्थित नहीं हो पाने के चलते सुनवाई टाल दी गई। इस मामले में अब 8 मार्च को सुनवाई होगी। आसाराम को एससी एसटी अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
गौरतलब है कि साल 2013 में एक नाबालिग लड़की ने जोधपुर के निकट मनाई आश्रम में आसाराम पर यौन शोषण का आरोप लगाया था, जिसके बाद 31 अगस्त 2013 को आसाराम को मध्य प्रदेश के इंदौर से गिरफ्तार किया गया। आसाराम पर पोस्को, जुवेनाइनल जस्टिस एक्ट, रेप, आपराधिक षडयंत्र और दूसरे कई मामलों के तहत केस दर्ज है। साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट में आसाराम ने जमानत याचिका लगाई, मगर अदालत ने उसे खारिज कर दिया। फिर अप्रैल 2018 में जोधपुर स्पेशल कोर्ट ने आसाराम को एक नाबालिग लड़की के साथ रेप का दोषी पाया। अदालत ने आसाराम को पोक्सो कानून के तहत आजीवन कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी।