कोरोना वायरस से निपटने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को वेंटिलेटर्स बनाने के लिए कहा है। सोमवार को स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक इस संबंध में कंपनियों ने काम करना शुरू कर दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से किए गए एक ट्वीट में कहा गया, "ऑटोमोबाइल निर्माताओं को वेंटिलेटर बनाने के लिए कहा गया है और वे इस दिशा में काम कर रहे हैं।"
बता दें, पिछले 24 घंटे में कोरोना के 106 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। इसके बाद कोरोना के मामले 1071 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। वहीं, देश में यह वायरस अब तक 29 लोगों की जान ले चुका है। दुनिया भर में 30 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी है।
भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड बनाएगी वेंटिलेटर्स
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी के मुताबिक पिछले दो दिनों में 5 लाख मास्क बांटे गए हैं जबकि सोमवार को एक लाख 40 हजार मास्क बांटे जाएंगे। वहीं, देश के अस्पतालों में 3 लाख 34 हजार व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) उपलब्ध हैं और 4 अप्रैल तक विदेशों से 3 लाख और मंगाएं जा रहे हैं। इसके अलावा भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड अगले दो महीनों में लोकल मैन्युफैक्चरर्स के साथ मिलकर 30 हजार वेंटिलेटर्स बनाएगी।
नोएडा की एक कंपनी को 10 हजार वेंटिलेटर बनाने का आदेश
मंत्रालय ने एक अन्य ट्वीट में जानकारी देते हुए कहा कि निजी कंपनिओं में नोएडा की एगावा हेल्थकेयर को एक महीने के भीतर 10 हजार वेंटिलेटर बनाने का आदेश दिया गया है। इसकी आपूर्ति अप्रैल के दूसरे सप्ताह में शुरू होने की उम्मीद है। इसके अलावा दो अन्य घरेलू निर्माता द्वारा प्रतिदिन 50 हजार एन-95मास्क का उत्पादन किया जा रहा है।
डीआरडीओ बना रही मास्क
साथ ही मंत्रालय की तरफ से यह भी कहा गया कि रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) अगले सप्ताह से प्रति दिन 20 हजार ए-95 मास्क का निर्माण शुरू कर देंगा। जानकारी देते हुए बताया गया कि देश के विभिन्न अस्पतालों में कोविड-19 रोगियों के लिए 14 हजार से अधिक मौजूदा वेंटिलेटर लगाए गए हैं, जबकि स्टॉक में 11.95 लाख एन-95 मास्क उपलब्ध हैं।