बाबा रामदेव ने कहा कि स्वदेशी अर्थव्यवस्था के साथ स्वदेशी शिक्षा हमारा लक्ष्य है। आचार्यकुलम के नाम से देश के हर जिले में एक स्कूल की स्थापना करने का भी लक्ष्य रखा गया है। रामदेव के मुताबिक ज्यादा उत्पादन के कई नई इकाइयों की शुरूआत की जा रही है। नागपुर में एक इकाई शुरू भी हो गई है। इसके अलावा दो उत्तर प्रदेश, जम्मू, इंदौर और गुवाहाटी में एक-एक इकाई खोलने की तैयारी में है। रामदेव ने कहा कि इसी वित्त वर्ष के अंत तक सभी इकाइयां शुरू हो जाएगी।
स्वदेशी उत्पाद को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की जा रही इकाइयों के अलावा निर्यात पर भी जोर दिया जाएगा ताकि विदेशों में रहने वाले भारतीय भी स्वदेशी उत्पाद का लाभ ले सके। पतंजलि की कमाई के बारे में बाबा रामदेव का कहना है कि पतंजलि से लाभ का सौ फीसदी हिस्सा चैरिटी पर खर्च होगा। जिसमें 80 फीसदी शिक्षा व्यवस्था पर और 20 फीसदी आयुर्वेद और गाय अनुसंधान केंद्र पर। उन्होनेकहा कि देश को आर्थिक और वैचारिक गुलामी से मुक्ति दिलाना हमारा प्रमुख लक्ष्य है।