बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने 16 दिसंबर को हुए सामूहिक बलात्कार के मामले में बचाव पक्ष के दो वकीलों को कथित रूप से महिला विरोधी आपत्तिजनक टिप्पणियां करने पर शुक्रवार देर रात कारण बताओ नोटिस जारी किया है। बीसीआई के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने कहा है कि हमने एम.एल. शर्मा और ए.पी. सिंह को बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री में कथित टिप्पणियां करने के मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया हैं।
बीसीआई ने अपनी कार्यकारिणी समिति की बैठक के बाद शुक्रवार को करीब आधी रात को यह निर्णय लिया। समिति ने पाया कि प्रथमदृष्ट्या यह इन वकीलों के खिलाफ पेशेवर कदाचार का मामला है। वकीलों को अधिवक्ता अधिनियम के प्रावधान के तहत नोटिस जारी किए गए हैं और यदि बीसीआई उनके जवाबों से संतुष्ट नहीं होती है तो वकालत करने के उनके लाइसेंस रद्द किए जा सकते हैं। इस बीच, वकील शर्मा ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने किसी से कुछ भी गलत नहीं कहा है। बीबीसी की सामूहिक बलात्कार संबंधी विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री में शर्मा ने कथित रूप से कहा था कि यदि लड़कियां उपयुक्त सुरक्षा के बिना बाहर निकलती हैं तो उनके साथ ऐसी घटनाएं होंगी ही।