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वेतन बढ़ोतरी को कैबिनेट की मंजूरी, छोटेे बाबू 18000 और बड़े बाॅस ढाई लाख पाएंगे

सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्य़क्षता में बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक पर वेतन आयोग की सिफारिशों काे लागू करने का फैसला किया गया।
वेतन बढ़ोतरी को कैबिनेट की मंजूरी, छोटेे बाबू 18000 और बड़े बाॅस ढाई लाख पाएंगे

केंद्र सरकार में शुरुआती मूल वेतन 7000 रुपये है। इसमे 125 फीसदी महंगाई भत्ता यानी डीए जोड़ दें तो तो ये रकम हो जाती है 15750 रुपये। आयोग की सिफारिशों को मंजूरी देने के बाद ये सैलरी हो जाएगी 18000 रुपये, यानी करीब सवा चौदह फीसदी की बढ़ोतरी छाेटे कर्मचारियों के वेतन में होगी। ठीक इसी तरह केंद्र सरकार के सबसे बड़े अधिकारी कैबिनेट सचिव की तनख्वाह 90 हजार रुपये है। 125 फीसदी महंगाई भत्ता जोड़कर य‍ह वेतन हो जाता है 2 लाख 2 हजार 500 रुपये। आयोग की सिफारिशों के बाद शीर्ष अधिकारियों की सैलरी हो जाएगी ढाई लाख रुपये यानी 23.4 फीसदी की बढ़ोतरी। 

बढ़ी हुई दर पर तनख्वाह अगस्त में यानी जुलाई के वेतन के साथ मिलेगी। रिटायर हो चुके लोगों के पेंशन में भी करीब बीस फीसदी का इजाफा होगा। यानी अगर पेंशन 10 हजार रुपये है और 125 फीसदी डीए के बाद पेंशन साढ़े बारह हजार रुपये बनती है तो 20 फीसदी बढ़कर अगस्त से पेंशन 15 हजार रुपये हो जाएगी। कर्मचारियों को 1 जनवरी, 2016 से बढ़ी हुई सैलरी का एरियर भी मिलेगा। वेतन बढ़ोतरी को मंजूरी मिल गई है लेकिन मांग को अभी तक यह पूरी नहीं कर सकी है। कर्मचारियों से अधिकारियों का वेतन 18 हजार से लेकर ढाई लाख तक हो जाएगा जबकि मांग साढ़े 23 हजार से सवा तीन लाख के बीच के वेतन की है।

व़ेतन बढ़ोतरी के बाद सरकार का एक लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा का खर्च बढ़ेगा। देश की जीडीपी पर 0.7 फीसदी का बोझ बढ़ जाएगा। रिजर्व बैंक की मानें तो सिस्टम में ज्यादा पैसा आने से महंगाई बढ़ेगी। इसलिए उम्मीद है कि बाजार में कुल मांग चार लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा की हो सकती है। सरकार को इनकम टैक्स के तौर पर 30 हजार करोड़ रुपये तक की अतिरिक्त कमाई हो सकती है। 

मंजूरी के बाद करीब एक करोड़ केंद्र सरकार के कर्मचारियों और रिटायर हो चुके पूर्वकर्मियों को लाभ होगा। जस्टिस माथुर की अध्यक्षता में गठित सातवें वेतन आयोग ने पिछले साल नवंबर में वित्त मंत्री अरुण जेटली को रिपोर्ट सौंपी थी। वैसे सरकार में अभी भी एक मुद्दे पर सहमति नहीं बन पाई है और वो आईएएस बनाम गैर आईएएस अधिकारियों के बीच वेतनमान में समानता। वेतन आयोग की सिफारिशों पर अमल की रूपरेखा तैयार करने के लिए कैबिनेट सचिव की अगुवाई में बनी कमेटी से भी इस बारे में स्पष्ट संकेत नहीं मिल रहे है। ऐसे में यदि कैबिनेट कोई फैसला नहीं करती है तो आगे ये मुद्दा तूल पकड़ सकता है।

 

 

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