Advertisement

युवाओं को जोड़ने की कवायद में बसपा

उत्तर प्रदेश में 2012 के विधानसभा चुनाव में युवाओं को अपनी ओर खींचने से सपा को मिले फायदे के मद्देनजर बसपा भी युवाओं को खुद से जोड़ने की कवायद में जुट गई है ताकि 2017 के आगामी विधानसभा चुनाव में उसे इसका लाभ मिल सके।
युवाओं को जोड़ने की कवायद में बसपा

पार्टी के एक नेता ने मंगलवार को भाषा से कहा, युवाओं के बीच कैडर बनाने में मदद के लिए पार्टी में युवक युवतियों को शामिल किया जा रहा है। उन्होंने कहा, यह देखना होगा कि युवा अन्य दलों के दुष्प्रचार में नहीं फंसने पाएं। कोई जरूरी नहीं कि युवा राजनीतिक विरोधियों की साजिशों को जानते हों और अकसर वह उनके हाथ का मोहरा बन जाते हैं। ऐसे में सुनिश्चित करना होगा कि युवाओं को बसपा से जोड़कर रखा जाए।

नेता ने कहा कि बसपा से जुडे़ युवाओं को पार्टी की नीतियों और कार्यों से अवगत कराया जा रहा है और इस बारे में वरिष्ठ नेता तथा जोनल संयोजक उनके साथ बैठकें कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं से कहा जाएगा कि वे राज्यभर में भ्रमण करें। लोगों विशेषकर युवाओं से मिलें और उन्हें पार्टी से जोडें। युवाओं को जिला, विधानसभा क्षेत्र और बूथ स्तर पर जोड़ा जा रहा है ताकि वे आगामी विधानसभा चुनाव आने तक पार्टी के मजबूत हिस्से बन जाएं।

पार्टी नेता ने कहा कि बसपा अध्यक्ष मायावती को भी पार्टी के समक्ष पेश आने वाली चुनौतियों का अंदाजा है और युवाओं की मदद से ही बसपा के विरोधियों के गलत प्रचार को रोका जा सकता है। समझा जाता है कि मायावती पार्टी के कार्यक्रम तय कर रही हैं और 2017 के विधानसभा चुनावों के लिए रणनीति भी बना रही हैं। इसके तहत युवा कार्यकर्ताओं को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।

नेता ने कहा कि पार्टी सुप्रीमो के 14 अप्रैल को गोमती नगर स्थित भीमराव अंबेडकर स्मारक स्थल पर अंबेडकर जयंती के मौके पर बसपा के कार्यक्रम में शामिल होने की उम्मीद है। इस कार्यक्रम के लिए प्रशासन से अनुमति मांगी गई है। अगले ही दिन 15 अप्रैल को पार्टी प्रमुख एक महत्वपूर्ण बैठक करेंगी, जिसमें वह मंडल स्तर की रैली या केन्द्र और राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन का ऐलान कर सकती हैं।

मायावती द्वारा निष्क्रिय नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ विशेषकर महत्वपूर्ण पदों पर बैठे ऐसे नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने की संभावना है। नेता ने कहा कि पिछली बैठक में मायावती ने जिलाध्यक्षों से कहा कि वह निष्क्रिय कार्यकर्ताओं की सूची तैयार करें और उनकी पहचान करें ताकि उनकी जगह बेहतर लोगों को लाया जा सके और संगठन को इसका फायदा मिल सके।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad