तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच कावेरी नदी के जल को लेकर जारी विवाद बढ़ता ही जा रहा है। दोनों राज्यों में लोगों ने एक दूसरे राज्या के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किए। कुछ स्थानों पर लोगों का विरोध प्रदर्शन हिंसक भी हो गया। तमिलनाडु में राज्य के वाहनों तथा कन्नड़ लोगों की संपत्ति पर कथित हमलों पर गुस्सा निकालते हुए कर्नाटक के बेंगलुरू, मांद्या, मैसूर, चित्रदुर्गा और धारवाड़ जिलों में कन्नड़ कार्यकर्ताओं ने पड़ोसी राज्य के पंजीयन वाले ट्रकों पर पथराव किया और कुछ को आग के हवाले कर दिया। कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश ने कहा कि हालात तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में हैं। पुलिस की ओर से प्राप्त जानकारी के मुताबिक तमिलनाडु के कम से कम छह ट्रकों को आग के हवाले कर दिया गया या उन पर पथराव किया गया जबकि चेन्नई में मोबाइल की एक दुकान तथा बेंगलुरू में दो होटलों पर हमला किया गया। विभिन्न कन्नड़ समर्थित संगठनों के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए हैं। बेंगलुरू पुलिस ने बताया कि शहर के किसी भी हिस्से में निषेधाज्ञा लागू नहीं है। पुलिस ने लोगों से कहा है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और शांति बनाए रखें।
वहीं कन्नड़ फिल्म अभिनेताओं के खिलाफ सोशल मीडिया पर कथित अपमानजनक टिप्पणियों को लेकर बेंगलुरू में कुछ लोगों द्वारा 22 वर्षीय एक तमिल युवक को कथित तौर पर पीटे जाने का वीडियो वायरल होने के एक दिन बाद तमिलनाडु और पुडुचेरी में विरोध प्रदर्शन हुए हैं। पुलिस ने कहा कि नाम-तामिझार काचि और तामिझागा वाझुवुरमाइ काचि जैसे संगठन तमिलनाडु के लिए कावेरी नदी का पानी छोड़े जाने के खिलाफ कर्नाटक में जारी आंदोलन के विरोध में सड़कों पर उतर आए। यहां स्थित एक लोकप्रिय रेस्तरां तथा रामेश्वरम में कर्नाटक के नंबर वाले पर्यटक वाहनों में तोड़फोड़ की गई। इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों ने केंद्र शासित क्षेत्र पुडुचेरी में कर्नाटक बैंक की शाखा में हंगामा किया। पुलिस ने कहा कि रेस्तरां हमला मामले में चार लोग हिरासत में लिए गए हैं, जबकि पुडुचेरी में करीब 25 लोग हिरासत में लिए गए हैं। तमिलनाडु में कर्नाटक बैंक की शाखाओं को पुलिस सुरक्षा उपलब्ध कराई गई है।
इस बीच कृष्णराजा सागर बांध के इर्द-गिर्द सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और 26 सितंबर तक यहां निषेधाज्ञा लागू की गई है। उच्चतम न्यायालय द्वारा अपने पांच सितंबर के आदेश में बदलाव के तुरंत बाद हिंसा की घटनाओं में वृद्धि हुई है। न्यायालय ने कर्नाटक से कहा है कि 20 सितंबर तक तमिलनाडु के लिए वह कावेरी नदी से कम मात्रा में यानी 12,000 क्यूसेक पानी छोड़े। इससे पहले पांच सितंबर के अपने आदेश में न्यायालय ने तमिलनाडु के किसानों की दयनीय हालत के मद्देनजर कर्नाटक को निर्देश दिया था कि अपने पड़ोसी राज्य के लिए अगले दस दिन तक वह 15,000 क्यूसेक पानी छोड़े। लेकिन इसका कन्नड़ समर्थक संगठनों और किसानों ने कड़ा विरोध किया था। इसी मुद्दे पर नौ सितंबर को कर्नाटक बंद का आयोजन किया गया था। सिद्धारमैया ने जयललिता को पत्र लिख राज्य में कन्नड़भाषी लोगों और उनकी संपत्ति की रक्षा के लिए पर्याप्य सुरक्षा उपाय करने के लिए कहा।