अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा से पहले भारत ने अमेरिका से नौसेना के लिए 24 मल्टीरोल हेलीकॉप्टर, रोमियो खरीदने का निर्णय लिया है। बुधवार को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) ने 2.5 बिलियन डॉलर के इस सौदे को मंजूरी दे दी।
अमेरिकी कंपनी, लॉकहीड मार्टिन द्वारा तैयार ये 'एमएच-60आर' हेलीकॉप्टर एंटी-सबमरीन और एंटी-सर्फेस (शिप) वॉरफेयर के लिए उपयोग किया जाता है। इसके साथ ही इन रोमियो हेलीकॉप्टरों को समंदर में सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन में भी इस्तेमाल किया जाता है।
24-25 फरवरी को होगी घोषणा
माना रहा है कि 24-25 फरवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान भारत और अमेरिका सेना के लिए एमएच- 60आर रोमियो हेलिकॉप्टर और छह अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टरों के बारे में एक घोषणा करेंगे। हालांकि सूत्रों के मुताबिक यह भी कहा जा रहा है कि अभी तक ये स्पष्ट नहीं है कि इस सौदे पर ट्रंप की यात्रा के दौरान हस्ताक्षर होंगे या नहीं।
एंटी सबमरीन हेलीकॉप्टर्स की थी बेहद जरूरत
जानकारी के अनुसार, भारतीय नौसेना को इन एंटी सबमरीन हेलीकॉप्टर्स की बहुत आवश्यकता थी। क्योंकि नौसेना के एंटी सबमरीन हेलीकॉप्टर्स, सीकिंग काफी पुराने पड़ चुके हैं। ये सीकिंग हेलीकॉप्टर एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रमादित्य पर तैनात हैं। इसके अलावा कोचिन शिपयार्ड में तैयार हो रहा स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत, विक्रांत के लिए भी नौसेना को इन एमएच-60आर हेलीकॉप्टर्स की आवश्यकता है।
ये है खासियत
बेहद ही एडवांस ये अमेरिकी रोमियो हेलीकॉप्टर हैलफायर मिसाइल, रॉकेट और टॉरपीडो से लैस हैं और आवश्यकता पड़ने पर समंदर मे कई सौ मीटर नीचे दुश्मन की पनडुब्बी को ध्वस्त कर सकते हैं। भारत को ये हेलीकॉप्टर लगभग 21 हजार करोड़ (2.5 बिलियन डॉलर) में अमेरिका से मिलेंगे। हिंद महासागर में जिस प्रकार लगातार चीन और पाकिस्तान की पनडुब्बियां भारत के लिए चुनौती बनती जा रही हैं उससे निपटने के लिए भारत को इन रोमियो एंटी सबमरीन हेलीकॉप्टर्स से खासी सहायता मिलेगी।