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किसान आंदोलन: 'भारत बंद' से पहले केंद्र ने जारी की एडवाइजरी, राज्य अप्रिय घटना को रोकने का करें इंतजाम

नए कृषि संबंधी कानूनों को लेकर विरोध कर रहे देशभर के किसानों का सोमवार को बारहवां दिन है। कल यानी...
किसान आंदोलन: 'भारत बंद' से पहले केंद्र ने जारी की एडवाइजरी, राज्य अप्रिय घटना को रोकने का करें इंतजाम

नए कृषि संबंधी कानूनों को लेकर विरोध कर रहे देशभर के किसानों का सोमवार को बारहवां दिन है। कल यानी मंगलवार 8 दिसंबर को दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने भारत बंद का ऐलान किया है। इस बाबत केंद्र सरकार ने सभी राज्यों के लिए एडवाइजरी जारी की है। जारी एडवाइजरी में सुरक्षा और कोरोना को लेकर निर्देश दिए गए हैं। किसान संगठनों का दावा है कि ये बंदी शांतिपूर्ण तरीके से की जाएगी।

किसानों की तरफ से बुलाए गए भारत बंद का विभिन्न राजनीतिक दलों ने भी अपना समर्थन दिया है। इसमें कांग्रेस समेत के 11 राजनीतिक पार्टियां हैं। किसानों के ‘भारत बंद’ का कांग्रेस, टीआरएस, राकांपा, द्रमुक, सपा, आप और वामपंथी दलों जैसी बड़ी पार्टियों ने बंद का समर्थन किया है।

गृह मंत्रालय की तरफ से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश भारत बंद के दौरान किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के साथ ही कानून, शांति-व्यवस्था को बनाए रखें। इसके साथ ही, एडवाइजरी में कोरोना महामारी को लेकर भी दिशानिर्देश दिए गए हैं। सभी राज्यों के अधिकारियों निर्देशित प्रशासकों को सुनिश्चित करना चाहिए कि कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन किया जाए और सामाजिक दूरी बनाए रखी जाए।

भारत बंद के ठीक एक दिन बाद नौ दिसंबर को छठे दौर की वार्ता होनी है। अब तक पांच दौर की बातचीत हो चुकी है। किसान संगठनों और केन्द्र सरकार के बीच हुई इन बैठकों में कोई नतीजा नहीं निकला है। किसान संगठन इन कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं। पिछले दौर की बैठक में किसानों ने धमकी दी थी कि अगर उनकी बातें केन्द्र ने नहीं मानी तो आने वाले दिनों में वो आंदोलन को और तेज करेंगे और बैठक से वॉक आउट कर जाएंगे।

 

 

 

 

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