अधिकारियों के मुताबिक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को अपने चीनी समकक्ष वेई फेंग के साथ हुई बैठक में कहा कि चीन को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का सख्ती से सम्मान करना चाहिए। साथ ही रक्षा मंत्री ने कहा कि यथास्थिति को बदलने के प्रयास नहीं किए जाने चाहिए। मई की शुरुआत में लद्दाख सीमा पर दोनों देशों के बीच हुए तनाव के बाद शुक्रवार को हुई ये बैठक दोनों पक्षों के बीच पहला सबसे उच्च-स्तरीय की आमने-सामने वाली वार्ता थी।
राजनाथ सिंह ने जोर देते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच संबंधों को बिगड़ने के लिए किसी भी पक्ष को कोई भी कदम नहीं उठाना चाहिए। वार्ता के दौरान रक्षा मंत्री ने चीन द्वारा किए गए हमले को लेकर आपत्ति दर्ज की।
अधिकारियों के अनुसार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के पीएलए द्वारा सीमा पर सैनिकों के आक्रामक व्यवहार और आमद पर आपत्ति जताई और कहा कि अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए भारत के दृढ़ संकल्प को लेकर कोई संदेह नहीं होना चाहिए।
वहीं, चीनी सरकार ने बयान में आरोप लगाया है कि लद्दाख में तनाव बढ़ाने के लिए भारत "पूरी तरह" से जिम्मेदार है। साथ ही चीन ने यह भी कहा कि वह अपनी जमीन नहीं खो सकता।