बृहनमुबंई नगर निगम (बीएमसी) ने राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सरकारी आवास ‘वर्षा’ को डिफॉल्टर घोषित कर दिया है। दरअसल, फडणवीस के घर का लगभग साढ़े सात लाख रुपये (कुल 7,44,981) का पानी का बिल बकाया है, यही वजह है कि आवास को डिफॉल्टर घोषित किया गया है। सिर्फ मुख्यमंत्री ही नहीं बल्कि राज्य सरकार में कुल 18 मंत्रियों को भी डिफॉल्टर घोषित कर दिया गया है।
सनमाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, एक आरटीआई के जरिए ये मामला सामने आया है। जिसमें पता चला है कि महाराष्ट्र में बने सरकारी आवासों यानी मंत्रियों या नेताओं के आवास पर ही बीएमसी का लगभग 8 करोड़ रुपये का बकाया है। अब आरटीआई के खुलासे के बाद जिनपर ये राशि बकाया है वे नाम भी सामने आने लगे हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस सूची में जहां पहला नाम राज्य के मुख्यमंत्री का है। इसके अलावा अलावा इस लिस्ट में पंकजा मुंडे, एकनाथ शिंदे, सुधीर मुनगंटीवार, विनोद तावड़े जैसे राज्य के बड़े नेताओं का नाम शामिल है। गौरतलबै है कि राज्य में जहां भाजपा-शिवसेना की सरकार है वहीं बॉम्बे नगरपालिका पर भी शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी का ही कब्जा है।
गौरतलब है कि फडणवीस ने हालही अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया है। पूर्व कांग्रेस नेता राधाकृष्ण विखे पाटील और मुंबई भाजपा प्रमुख आशीष शेलार सहित आठ विधायकों ने 16 जून को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र कैबिनेट में मंत्री के रूप में शपथ ली थी। मंत्रिमंडल विस्तार के तहत इन आठ मंत्रियों के अलावा पांच को कनिष्ठ मंत्री के तौर पर शामिल किया गया था। राज्य विधानसभा के मॉनसून सत्र की शुरुआत और विधानसभा चुनावों से करीब चार महीना पहले मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया।
विधानसभा चुनाव से पहले लगा यह झटका
महाराष्ट्र में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और भाजपा एक बार फिर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई में सियासी मैदान में उतरेगी। चुनाव से पहले आई इस सूची से विपक्ष को मुख्यमंत्री पर निशाना साधने का मौका मिल जाएगा।
इस बार भाजपा ने राज्य में 220 से ज्यादा सीटों का लक्ष्य रखा है। हालांकि कुछ दिनों पहले ही शिवसेना ने सामना के एक लेख में लिखा था कि वह चाहती है कि महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री शिवसेना से ही हो।