करीब डेढ़ साल पहले विदेश सेवा की अधिकारी देवयानी खोबरागड़े की अमेरिका में गिरफ्तारी और उनके साथ हुए सलूक को लेकर देशभक्ति पूरे उबाल पर थी। वह यूपीए सरकार पर भाजपा के हमलों और मोदी लहर के प्रचंड होने का दौर था। अमेरिका में वीजा जालसाजी से जुड़ा मुद्दा देश के स्वाभिमान का प्रश्न बन गया। मामले ने इतना तूल पकड़ा कि भारत और अमेरिका के रिश्ते खराब होते-होते बचे। तत्कालीन विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने अमेरिकी राजदूत के सामने भारत की नाराजगी दर्ज करायी तो नरेंद्र मोदी ने देवयानी के साथ हुए बर्ताव के विरोध में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात ही रद्द कर दी थी। लेकिन देवयानी से जुड़े नए खुलासों ने उनके बारे में मोदी सरकार की राय बदल दी है। केंद्र सरकार ने उन पर सेवा नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए उनकी निष्ठा पर सवाल उठाए हैं।
गृह मंत्रालय ने देवयानी खोबरागड़े के उस आवेदन को ठुकरा दिया है जिसमें उन्होंने अपनी दोनों बेटियों के लिए दोहरी नागरिकता की मांग की थी। मंत्रालय ने कहा कि भारतीय कानून में इसकी इजाजत नहीं है। उनकी दोनों बेटियां भारत में पैदा हुई हैं, लेकिन उन्होंने अमेरिकी नागरिकता ले ली क्योंकि देवयानी के पति अमेरिकी नागरिक हैं। आरोप है कि देवयानी ने इस जानकारी को विदेश मंत्रालय से छिपाया।
सरकार ने खड़े किए निष्ठा पर सवाल
देवयानी की बेटियों के पास अमेरिकी पासपोर्ट होने की जानकारी मिलने के बाद विदेश मंत्रालय ने बच्चों का भारतीय पासपोर्ट निरस्त कर दिया। इस फैसले को देवयानी ने दिल्ली हाईकेार्ट में चुनौती दी है। केंद्र सरकार ने हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि देवयानी ने अपनी दोनों बेटियों के लिए अमेरिकी और भारतीय पासपोर्ट हासिल किए जो कानून का उल्लंघन है। उन्होंने इस बारे में विदेश मंत्रालय को सूचित नहीं किया, जिससे उनकी विश्वसनीयता और निष्ठा के बारे में गंभीर सवाल खड़े होते हैं। हालांकि, देवयानी खोबरागड़े का कहना है कि बच्चों के अमेरिकी पासपोर्ट सिर्फ अमेरिका यात्रा के लिए ही इस्तेमाल किए गए थे।
अमेरिका में क्या था मामला
भारतीय विदेश सेवा की अधिकारी देवयानी खोबरागड़े को 2013 में वीजा आवेदन में अपनी घरेलू सहायक के बारे में गलत जानकारी देने के मामले में गिरफ्तार किया गया था। वीजा आवदेन में सहायक को न्यूनतम कानूनी वेतन देने का उल्लेख किया गया था जबकि वह अपनी मेड को कथित तौर पर कम वेतन देती थीं। भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली अधिकारी होने के बावजूद अमेरिका में जिस तरह उनकी गिरफ्तारी और शरीर की तलाशी हुई, उससे पूरे देश में हंगामा मच गया था।
सोशल मीडिया पर खोबरागड़े की आलोचना
अमेरिका में गिरफ्तारी के वक्त देवयानी को सोशल मीडिया पर भरपूर समर्थन मिला था। कई लोगों ने उनके साथ हुए दुर्व्यवहार को दलित उत्पीड़न का नाम दिया तो कुछ लोग इसे देश के अपमान से जोड़कर देखने लगे थे। लेकिन बच्चों के पासपोर्ट संबंधी विवाद में घिरने और सरकारी नियमों के कथित उल्लंघन के बाद सोशल मीडिया पर उनकी खूब आलोचना हो रही है। उनके आचरण पर तमाम तरह के सवाल खड़े किए जा रहे हैं।
Why is the GOI not sacking Devyani to set an example to the class 1 services that they can't merrily break rules?
— swati chaturvedi (@bainjal) July 23, 2015
@bainjal Why can't she work within the All India Service Rules? Action must follow if she keeps doing it. Nobody is an exception.
— Pramod Kumar Singh (@SinghPramod2784) July 23, 2015