चुनाव आयोग ने समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान पर उत्तर प्रदेश में चुनाव आयोग के अधिकारियों के खिलाफ भड़काऊ बयान देने और सांप्रदायिक टिप्पणियां करने के मामले में 48 घंटे के लिए प्रचार करने पर नयी पाबंदी लगा दी। आयोग ने इस महीने आजम पर दूसरी बार इस तरह का प्रतिबंध लगाया है। वहीं आयोग ने गुजरात भाजपा के अध्यक्ष जीतू वघानी पर 72 घंटे के लिए प्रचार पर बैन लगा दिया है। जीतू वघानी ने सूरत के अमरोली में कांग्रेस के लिए अपशब्द का इस्तेमाल किया था।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, चुनाव आयोग ने आजम खान के बयान का उदाहरण देते हुए बताया कि सपा नेता ने कथित तौर पर कहा कि ‘फासीवादी उन्हें मारने की कोशिश कर रहे हैं।’ एक अन्य मौके पर उन्होंने कथित तौर पर दावा किया कि प्रधानमंत्री ने मुस्लिमों को मारा।
सपा नेता आजम खान 1 मई की सुबह 6 बजे से 48 घंटों तक के लिए चुनावी प्रचार नहीं कर पाएंगे। इन 48 घंटों के दौरान आजम खान चुनावी रैली, रोड शो, इंटरव्यू, जनसंपर्क अभियान में भाग नहीं ले पाएंगे। आजम खान ने 5 अप्रैल, 7 अप्रैल, 8 अप्रैल, 9 अप्रैल और 12 अप्रैल को प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर विवादित बयान दिया था और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया था।
आजम खान पर पहले भी हुई थी कार्रवाई
इससे पहले आजम खान को भाजपा उम्मीदवार जया प्रदा के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देने के लिए 72 घंटे तक प्रचार करने से रोक दिया गया था। उन्हें पिछले कुछ दिन में उत्तर प्रदेश में अनेक जगहों पर भड़काऊ भाषण देने के लिए कारण बताओ नोटिस दिये जा चुके हैं।
जीतू वघानी पर 72 घंटे का बैन
गुजरात बीजेपी के अध्यक्ष जीतू वघानी पर चुनाव आयोग ने आचार संहिता उल्लंघन करने पर 72 घंटे का बैन लगाया है। चुनाव आयोग ने जीतू वघानी पर यह कार्रवाई सूरत जिले के अमरोली में आचार संहिता उल्लंघन करने पर की है। 7 अप्रैल को सूरत के अमरोली में पार्टी कार्यकर्ताओं और मतदाताओं को संबोधित करते हुए आचार संहिता के उल्लंघन और अशोभनीय भाषा के उपयोग के लिए वघानी 72 घंटे तक देश के किसी भी हिस्से में जनसभा, रोडशो आदि में भाग नहीं ले पाएंगे। जीतू वाघाणी पर ये प्रतिबंध 2 मई से लागू होगा और इसके बाद के 72 घंटों तक जारी रहेगा।