पद्म पुरस्कार से सम्मानित पर्यावरणविद रंजीत भार्गव ने भाषा को बताया, मैंने केन्द्रीय जल संसाधन मंत्रालय को पहले ही पत्र लिखा है। अब हम प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखकर इस बारे में बात करने को कहेंगे। पिछले 20 साल से गंगा सफाई अभियान से जुडे़ भार्गव ने कहा कि पिछले साल प्रधानमंत्री कार्यालय को लिखे पत्र में उन्होंने कहा था कि जब तक गंगा की सफाई के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय के तहत पूर्ण अधिकार प्राप्त एजेंसी नहीं होगी, कोई फायदा नहीं है। गंगा पुनरूद्धार मंत्रालय इस कार्य में मदद करेगा।
भार्गव ने सुझाव दिया है कि गंगा की सफाई और पुनरूद्धार के लिए भूतपूर्व सैनिकों की इको टास्क फोर्स यूनिट सहित टेरिटोरियल आर्मी डिवीजन बनाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ कदम उठाए गए हैं लेकिन सुझावों पर अमल बाकी है। भार्गव ने बताया कि उन्होंने केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती को पत्र लिखकर उपरी गंगा क्षेत्र यानी गौमुख से हरिद्वार तक गंगा नदी क्षेत्र को विश्व विरासत घोषित करने की मांग यूनेस्को से करने के लिए कहा है।
उन्होंने कहा कि जवाब में हालांकि मंत्रालय की ओर से कहा गया कि यह प्रस्ताव उत्तराखंड सरकार की ओर से आना चाहिए। भार्गव ने कहा कि किसी जगह को विश्व विरासत घोषित करने के मामलों को केन्द्र देखता है ना कि राज्य सरकार। उन्होंने कहा कि वह अब यह मुद्दा सीधे प्रधानमंत्री के समक्ष उठाएंगे। वह चाहते हैं कि प्रधानमंत्री सीधे पहल करें।