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दरगाह आला हजरत का फतवा, हाफिज को इस्लाम से खारिज किया जाए

दरगाह आला हजरत से पाकिस्तान के आतंकी संगठन जमात-उद-दावा चीफ हाफिज सईद और उसे मसीहा मानने वालों को इस्लाम से खारिज कर दिया गया है। उसके संबोधन सुनने को भी हराम करार दिया गया है। मुसलमानों से कहा गया है कि वे हाफिज से बचकर रहें।
दरगाह आला हजरत का फतवा, हाफिज को इस्लाम से खारिज किया जाए

पाकिस्तानी आतंकी को लेकर दरगाह आला हजरत ने यह फतवा जारी किया है, जो जयपुर से मांगा गया था। इस पर दरगाह के मुफ्ती ने कहा है कि हाफिज सईद अपने अकायद (आस्था) और विचारधारा की वजह से गुस्ताख-ए-रसूल है। ऐसे गुस्ताख को मजहबी मसीहा मानने वाले मुसलमान भी इस्लाम से खारिज हैं, क्योंकि हाफिज को मुसलमान मानना, उसकी राय को सुनना भी नाजायज है। हाफिज आतंकी विचारधारा वाला शख्स है, जो इस्लाम और मुसलमानों को बदनाम कर रहा है।

शरीयत ऐसे शख्स से मुसलमानों को बचने का हुक्म देती है। दरअसल राजस्थान के जयपुर निवासी मुहम्मद मुईनुद्दीन ने सवाल किया था कि हाफिज सईद, जो गुमराह अकायद और विचारधारा का प्रचारक है, लोगों को खून-खराबे, आतंकी घटनाओं के लिए उकसाता है, क्या ऐसे शख्स को मुसलमान माना जा सकता है? क्या ऐसे शख्स की बातों और भाषणों को सुनना जायज है।

जिस पर मुफ्ती मुहम्मद सलीम नूरी ने जवाब में कहा है कि अल्लाह और उसके रसूल की शान में गुस्ताखी करने वाले ऐसे लोग इस्लाम से खारिज हैं। उनसे तमाम तरह के रिश्ते तोड़ने का हुक्म है। पाक आतंकी हाफिज से किसी तरह के भी रिश्ते नहीं रखे जा सकते। जो मुसलमान रखेगा, इस्लाम से खारिज हो जाएगा।

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