प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजीव गांधी पर आईएनएस विराट के व्यक्तिगत इस्तेमाल का आरोप लगाया, उसे टैक्सी की तरह इस्तेमाल किया था। लेकिन उस समय नौसेना के वाइस एडमिरल एल रामदास ने इन आरोपों को नकार दिया है। पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल एल रामदास ने कहा कि राजीव गांधी छुट्टी पर नहीं बल्कि आधिकारिक यात्रा पर थे। उन्होंने ये भी कहा कि राजीव गांधी तत्कालीन पीएम थे इसलिए वो आईलैंड विजिट के लिए गए थे। उन्होंने कहा कि 'जिस वाकये को राजीव का सपरिवार छुट्टी मनाना बताया जा रहा है, वह दरअसल उनका सरकारी दौरा था। वे लोग वहां लड्डू-पेड़े बांटने नहीं गए थे। राजीव के साथ आईएनएस विराट पर कोई विदेशी नहीं था।' इसके साथ ही उस वक्त आईएनएस विराट के कमांडिंग ऑफिसर विनोद पसरीचा ने भी पीएम मोदी के आरोपों को खारिज किया है।
प्रधानमंत्री मोदी के इस तरह के आरोपों के बाद प्रियंका गांधी ने भी मोदी पर पलटवार किया। उन्होंने कहा, ‘मैंने अपनी जिंदगी में इनसे बड़ा कायर और कमजोर प्रधानमंत्री नहीं देखा।' वहीं, राहुल गांधी ने कहा कि आप दिल खोलकर राजीव गांधी की बात कीजिए, लेकिन जनता को यह भी समझा दें कि रफाल के मामले में आपने क्या किया और क्या नहीं किया।
एडमिरल एल रामदास ने क्या कहा
पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल (रि.) एल रामदास ने कहा कि प्रधानमंत्री और मिसेज गांधी त्रिवेंद्रम से लक्षद्वीप जा रहे आईएनएस विराट पर सवार हुए थे। वह सरकारी ड्यूटी पर आइलैंड्स विकास अथॉरिटी की बैठक में शामिल होने लक्षद्वीप जा रहे थे। कोई विदेशी उनके साथ नहीं था। दक्षिणी कमान का फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ होने के नाते मैं विराट पर था। फ्लीट एक्सरसाइज के लिए आईएनएस विराट के साथ 4 और जहाज थे। मैंने विराट पर प्रधानमंत्री के लिए डिनर रखा। वहां कोई पार्टी नहीं हुई।
अधिकारियों और लोगों से मिलने के लिए प्रधानमंत्री हेलीकॉप्टर से शॉर्ट ट्रिप्स पर आइलैंड्स पर गए थे। उन्हें सर्विस एयरक्राफ्ट में पत्नी के साथ यात्रा करने का अधिकार है। हेलीकॉप्टर से सिर्फ राजीव और सोनिया गए थे। राहुल कभी उनके साथ नहीं गए। आखिरी दिन बंगाराम में अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए नौसेना के कुछ गोताखोर भेजे थे। कोई भी जहाज गांधी परिवार के निजी इस्तेमाल के लिए डाइवर्ट नहीं किया गया। सिर्फ एक छोटा हेलीकॉप्टर इमरजेंसी मेडिकल जरूरतों के लिए कावारत्ती गया था।
तत्कालीनआईएनएस विराट के कमांडिंग ऑफिसर ने क्या कहा
वहीं, उस वक्त आईएनएस विराट के कमांडिंग ऑफिसर विनोद पसरीचा ने भी राजीव गांधी की यात्रा को आधिकारिक बताया। उन्होंने कहा कि राजीव और उनकी पत्नी की ट्रिप पूरी तरह से आधिकारिक थी। सारे प्रोटोकॉल फॉलो किए गए। कोई छुट्टी पर नहीं आया था। इससे पहले भी कई प्रधानमंत्री विराट पर आ चुके हैं। राहुल गांधी उनके साथ थे लेकिन कोई विदेशी नहीं था।
लेकिन पूर्व कमांडर का दावा- मोदी के आरोप एकदम सही
इस बीच रिटायर्ड नौसेना कमांडर वीके जेटली ने दावा किया कि राजीव गांधी और सोनिया गांधी ने बंगाराम आइलैंड पर छुट्टियां मनाने के लिए आईएनएस विराट का इस्तेमाल किया था। खासतौर पर उनके लिए ही भारतीय नौसेना के संसाधनों का इस्तेमाल किया गया। मैं खुद इसका गवाह हूं। मैं भी उस वक्त आईएनएस विराट पर ही तैनात था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का क्या है आरोप
बुधवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर युद्धपोत का आईएनएस विराट इस्तेमाल 'निजी टैक्सी' की तरह किया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राजीव गांधी के कार्यकाल के दौरान त्कालीन सरकार और नौसेना ने उनके परिवार और ससुराल पक्ष की मेजबानी की और उनकी सेवा में एक हेलिकॉप्टर को लगाया गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'क्या आपने कभी सुना है कि कोई अपने परिवार के साथ युद्धपोत से छुट्टियां मनाने जाए? आप इस सवाल पर हैरान मत होइए। ये हुआ है और हमारे ही देश में हुआ है। कांग्रेस के सबसे बड़े इस नामदार परिवार ने देश की आन-बान-शान आईएनएस विराट का अपनी पर्सनल टैक्सी की तरह इस्तेमाल किया था। ये बात तब की है जब राजीव गांधी भारत के प्रधानमंत्री थे और 10 दिन के लिए छुट्टियां मनाने निकले थे।'
प्रधानमंत्री ने कहा, 'आईएनएस विराट उस समय समुद्री सीमाओं की रखवाली के लिए तैनात था, लेकिन उसे छुट्टियां मनाने जा रहे गांधी परिवार को लेने के लिए भेज दिया गया। उसके बाद उनके पूरे कुनबे को लेकर आईएनएस विराट एक खास द्वीप पर रुका....10 दिन तक रुका रहा। राजीव गांधी के साथ छुट्टी मनाने वालों में उनकी ससुराल वाले भी शामिल थे। सवाल ये कि क्या विदेशियों को भारत के वॉरशिप पर ले जाकर तब देश की सुरक्षा से खिलवाड़ किया गया था कि नहीं? या सिर्फ इसलिए कि वो राजीव गांधी थे और उनके ससुराल वाले थे, इटली से आए थे।'
दिसंबर 1987 का है घटनाक्रम
घटनाक्रम दिसंबर 1987 का है। वेस्टर्न फ्लीट ने काफी पहले ही एयरक्राफ्ट कैरियर के साथ अरब सागर में अभ्यास की योजना बना रखी थी। यह अधिकारियों के लिए प्रधानमंत्री से संवाद करने का मौका भी था। रामदास ने यह बयान आईएनएस विराट के तत्कालीन कमांडिंग अफसर वाइस एडमिरल विनोद पसरीचा, आईएनएस विंध्यागिरी के कमांडर एडमिरल अरुण प्रकाश और आईएनएस गंगा के कमांडर वाइस एडमिरल मदनजीत सिंह से मिली प्रतिक्रियाएं शामिल करके दिया है।