प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय कैबिनेट ने प्रस्ताव को मंजूरी दी। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) ने आठ राज्यों असम, बिहार, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, जम्मू कश्मीर और उत्तराखंड के सिलसिले में कुल 28 परिवर्तनों की सिफारिश की थी।
इन 28 परिवर्तनों में से 15 नयी प्रविष्टियां थीं, नौ उन जातियों की समानार्थी थीं या उपजातियां थीं जो पहले से सूची में हैं तथा चार सुधार थे। एक आधिकारिक बयान में कहा गया, परिवर्तनों से इन जातियों:समुदायों से आने वाले व्यक्तियों को सरकारी सेवाओं और पदों के साथ ही केंद्रीय शैक्षिक संस्थानों में वर्तमान नीतियों के तहत आरक्षण का लाभ उठाने में मदद मिलेगी।
इसमें कहा गया कि वे उन विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं, छात्रावृत्ति आदि के लाभ के लिए योग्य बनेंगे जो केंद्र सरकार द्वारा शासित हैं, जो वर्तमान में अन्य पिछड़ा वर्ग के व्यक्तियों को मुहैया हैं।
एनसीबीसी की सिफारिश पर 25 राज्यों एवं छह केंद्र शासित प्रदेशों में ओबीसी की केंद्रीय सूची में कुल 2479 प्रविष्टियों को अधिसूचित किया गया है जिसमें उसकी समानार्थी, उपजातियां आदि शामिल हैं। ऐसी पिछली अधिसूचना सितम्बर 2016 तक के लिये जारी हुई थी।
भाषा