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OCI कार्डधारकों के लिए अब नई गाइडलाइन, जानिए- आने-जाने से लेकर रूकने तक, कैसे ओवरसीज सिटीजन पर प्रतिबंध लागू होगा

गृह मंत्रालय ने बीते सप्ताह ओसीआई कार्डधारकों के लिए नियमों में बड़े बदलाव किया था। इससे भारत में...
OCI कार्डधारकों के लिए अब नई गाइडलाइन, जानिए- आने-जाने से लेकर रूकने तक, कैसे ओवरसीज सिटीजन पर प्रतिबंध लागू होगा

गृह मंत्रालय ने बीते सप्ताह ओसीआई कार्डधारकों के लिए नियमों में बड़े बदलाव किया था। इससे भारत में ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्ड रखने वालों को असर होगा। अब आपको बताते हैं कि नई गाइडलाइन के मुताबिक क्या है पूरा नियम और ओसीआई सिटीजन कौन होते हैं।

ओसीआई नागरिक कौन होते हैं?

ओसीआई नागरिक भारतीय मूल के होते हैं। जब वे विदेशी नागरिकता ग्रहण कर लेते हैं तो वे भारत के नागरिक नहीं होते हैं। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक भारत दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं देता है, लेकिन नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 7 बी (आई) के अंतर्गत लाभ प्रदान करता है।

गृह मंत्रालय द्वार जारी की गई नई अधिसूचना क्या है?

जारी अधिसूचना के मुताबिक, ओसीआई कार्डधारक को देश में विभिन्न गतिविधियों के लिए अब विशेष परमिट की आवश्यकता होगी, जिसमें मिशनरी, पत्रकारिता करने जैसी गतिविधियां शामिल हैं। साथ ही केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित संरक्षित या प्रतिबंधित क्षेत्रों के भीतर आने वाले किसी भी स्थान का दौरा करने के लिए इसकी जरूरत होगी। 

इसमें पूरा अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश के हिस्से, जम्मू और कश्मीर के हिस्से, मणिपुर का संपूर्ण हिस्सा, पूरा नागालैंड, राजस्थान के हिस्से, पूरा सिक्किम (आंशिक रूप से संरक्षित क्षेत्र में और आंशिक रूप से प्रतिबंधित क्षेत्र में) और उत्तराखंड के हिस्से शामिल हैं।

गृह मंत्रालय ने जारी गाइडलाइन में कहा है कि ऐसे लोग जो मिशनरी, पत्रकारिता करने जैसी गतिविधियों में हिस्सा लेने आना चाहते हैं उन्हें विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) से विशेष अनुमति लेनी होगी। साथ ही जो ओसीआई कार्ड धारक संरक्षित या प्रतिबंधित क्षेत्रों में जाना चाहते हैं, विदेशी राजनयिक मिशन के इंटर्नशिप प्रोग्राम में हिस्सा लेना चाहते हैं। उन्हें भी पूर्व अनुमति के लिए आवेदन देना होगा।

नए नियमों के मुताबिक ओसीआई कार्डधारकों को इन गतिविधियों के अलावा, किसी भी उद्देश्य के लिए भारत आने के लिए मल्टीपल-एंट्री आजीवन वीजा के लिए आवेदन कर सकते हैं। 

इसके तहत विदेशी नागरिकों को कुछ मामलों पर भारतीय नागरिकों और यहां नहीं रहने वाले भारतीयों के साथ घरेलू हवाई यात्रा में शुल्क और राष्ट्रीय उद्यानों, वन्यजीव अभयारण्यों, राष्ट्रीय स्मारकों, ऐतिहासिक स्थलों और भारत में संग्रहालयों के लिए प्रवेश शुल्क के मामले में ओसीआई कार्डधारकों को भारतीय नागरिकों के साथ समानता दी जाएगी।

इसके अलावा ओसीआई कार्डधारकों को भारतीय बच्चों को गोद लेने, अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षाओं जैसे नीट, जेईई मेंस, जेईई एडवांस्ड या फिर इस तरह की दूसरी परीक्षाओं में एनआरआई सीट या फिर ऐसी अन्य सीट पर एनआरआई के समान ही पात्र माना जाएगा।

कई चीजों के लिए प्रवेश शुल्क वसूला जाएगा

ओसीआई कार्डधारकों के लिए, राष्ट्रीय उद्यानों, वन्यजीव अभयारण्यों, राष्ट्रीय स्मारकों, भारत में ऐतिहासिक स्थलों और संग्रहालयों में जाने के लिए प्रवेश शुल्क लिया जाएगा और देश में घरेलू क्षेत्रों में हवाई किराए में शुल्क भारतीय नागरिकों के बराबर वसूला जाएगा।

नई अधिसूचना जारी किए जाने के बाद केंद्र सरकार विपक्ष के निशाने पर

गोवा कांग्रेस ने कहा है कि नई अधिसूचना ओसीआई को "विदेशी नागरिक" के रूप में अपमानित करती है और अवैध रूप से वर्गीकृत करती है। नए प्रतिबंधों की एक लंबी सीरीज है, जो नाटकीय रूप से भारत के ओसीआई के अधिकारों और स्वतंत्रता पर अंकुश लगाती हैं।

गोवा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (जीपीसीसी) के अध्यक्ष गिरीश चोडनकर ने पीटीआई से कहा, "गोवा के ओसीआई, विशेष रूप से पुर्तगाली पासपोर्ट वाले, धार्मिक आयोजनों में भाग लेने में सक्षम नहीं होंगे। ये गोवा के मंदिरों, चर्चों, मस्जिदों और गुरुद्वारों को दान नहीं दे पाएंगे। इसमें शामलि नहीं होंगे।" आगे उन्होंने कहा है, "आईआईटी, आईआईएम, एम्स में पढ़ने की इच्छा रखने वाले विदेशों में रहने वाले के बच्चे अब ऐसा नहीं दाखिला ले पाएंगे।“गिरीश चोडनकर ने दावा किया है कि ये बिल सिर्फ भारतीय मूल के लोगों को विदेश में रहने की दोहरी नागरिकता की इच्छा से वंचित नहीं करता है। यह उनकी मातृभूमि के लिए कानूनी और भावनात्मक जुड़ाव को खत्म करता है। 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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