54 वर्षीय विवादास्पद लेखिका तस्लीमा नसरीन ने 'इंडिया आइडियाज कॉन्क्लेव 2016' में अपने संबोधन में कहा, 'मैं 1994 से निर्वासन में रह रही हूं। मैं जानती हूं कि अपना बाकी जीवन निर्वासन में बिताने के सिवा मेरे पास कोई विकल्प नहीं है।
मैं अब जोर देकर कहती हूं कि भारत ही मेरा देश है, भारत ही मेरा घर है।' लेखिका ने कहा, 'सच्चाई को कहने का साहस करने पर कट्टरपंथियों एवं उनके राजनीतिक साथियों के हाथों हमें और कितना दुख झेलना पड़ेगा। मैं विश्वास करती हूं कि आश्रय के लिए इस महाद्वीप का वाकई सबसे सच्चा धर्मनिरपेक्ष और सुरक्षित हिस्सा कोई है, तो वह केवल भारत है।'
उन्होंने कट्टरपंथियों की ओर इशारा करते हुए कहा, 'उन्हें समझना होगा कि अन्य धर्मों की तरह इस्लाम को प्रबुद्धिकरण से गुजरना चाहिए। अन्य धर्म अपने अमानवीय, असमान, अवैज्ञानिक और गैर तार्किक पहलुओं पर प्रश्न उठाकर इस प्रक्रिया से गुजरे हैं।' गौरतलब है कि इस कॉन्क्लेव का आयोजन इंडिया फाउंडेशन ने किया है। यह कनक्लेव गोवा में हुआ।