Advertisement

लाचित बोड़फुकन की 400वीं जयंती समारोह में बोले पीएम मोदी- भारत का इतिहास योद्धाओं, विजय का इतिहास है

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को पूर्ववर्ती अहोम साम्राज्य के जनरल और वीर योद्धा लाचित...
लाचित बोड़फुकन की 400वीं जयंती समारोह में बोले पीएम मोदी- भारत का इतिहास योद्धाओं, विजय का इतिहास है

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को पूर्ववर्ती अहोम साम्राज्य के जनरल और वीर योद्धा लाचित बोड़फुकन की 400वीं जयंती पर साल भर आयोजित कार्यक्रमों के समापन समारोह को संबोधित किया। विज्ञान भवन में आयोजित लाचित बोड़फुकन की 400वीं जयंती समापन समारोह में पीएम मोदी ने कहा कि भारत का इतिहास केवल गुलामी का नहीं, बल्कि भारत का इतिहास योद्धाओं और विजय का इतिहास है।

पीएम मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री का निरंतर प्रयास रहा है कि गुमनाम नायकों को उचित तरीके से सम्मानित किया जाए। इसी के अनुरूप देश 2022 को लचित बोड़फूकन की 400वीं जयंती वर्ष के रूप में मना रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि वीर लाचित बारफूकन का जीवन हमें प्रेरणा देता है कि हम व्यक्तिगत स्वार्थों को नहीं, देश हित को प्राथमिकता दें। उनका जीवन हमें प्रेरणा देता है कि हमारे लिए परिवारवाद, भाई-भतीजावाद नहीं बल्कि देश सबसे बड़ा होना चाहिए... कह सकते हैं कि कोई भी व्यक्ति, रिश्ता देश से बड़ा नहीं होता। उन्होंने कहा कि भारत का इतिहास सिर्फ गुलामी का इतिहास नहीं है। भारत का इतिहास योद्धाओं, विजय का इतिहास है। भारत का इतिहास अत्याचारियों के विरुद्ध अभूतपूर्व शौर्य और पराक्रम दिखाने का इतिहास है। भारत का इतिहास जय का है। भारत का इतिहास जंग का है, त्याग, तप का है।

पीएम मोदी ने कहा कि जब कोई मुश्किल दौर, चुनौती खड़ी हुई तो उसका मुकाबला करने के लिए कोई न कोई विभूति अवतरित हुई। हमारी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पहचान बचाने के लिए संत और मनीषी आए। भारत को तलवार की जोर से कुचलने का मंसूबा पाले, आक्रमणकारियों का मां भारती की कोख से जन्मे वीरों ने सामना किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लाचित बारफूकन भी ऐसे वीर थे। उन्होंने दिखाया कि कट्टरता और आतंक के हर आग का अंत हो जाता है, लेकिन भारत की जीवन ज्योती अमर बनी रहती है। उन्होंने कहा कि आज देश गुलामी की मानसिकता को छोड़ अपनी विरासत पर गर्व करने के भाव से भरा हुआ है। आज भारत न सिर्फ अपनी सांस्कृतिक विविधता को मना रहा है बल्कि अपनी संस्कृति के ऐतिहासिक नायक-नायिकाओं को गर्व से याद भी कर रहा है।

नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमें वीर लाचित की 400वीं जन्म जयंती मनाने का सौभाग्य उस कालखंड में मिला है जब देश अपनी आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। यह ऐतिहासिक महोत्सव असम के इतिहास का एक गौरवशाली अध्याय है।

पीएम मोदी से पहले केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि आपने जिस तरह से 'मेक इन इंडिया' के तहत देशवासियों को आत्मनिर्भर होने का मार्गदर्शन दिया आपने उसके जरिए सही मायने में लचित बरफुकन को नमन किया है। उन्होंने मुगल के ख़िलाफ़ लड़ाई में जो हथियार इस्तेमाल किए थे वह सारे हथियार असम के लोगों ने बनाए थे।

वहीं, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि जब औरंगजेब ने देश पर शासन किया तब छत्रपति शिवाजी, दुर्गादास राठौड, गुरु गोविंद सिंह, लाचित बरफूकन जैसे योद्धाओं ने उनको टिकने नहीं दिया... भारत में सिर्फ औरंगज़ेब, बाबर, जहांगीर, हुमायूं की कहानी नहीं बल्कि लाचित बरफूकन, छत्रपति शिवाजी, दुर्गादास, गुरु गोविंद सिंह की भी है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad