भारतीय नौसेना ने नौसेनिकों के सोशल मीडिया साइट फेसबुक के उपयोग को प्रतिबंधित कर दिया है। इसके अलावा नौसेना के ठिकानों, डॉकयार्ड और युद्धपोतों पर स्मार्टफोन पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। दरअसल, सोशल मीडिया पर दुश्मन की खुफिया एजेंसियों को संवेदनशील सूचनाएं लीक करते सात नौसैनिकों के पकड़े जाने के बाद ये कठोर कदम उठाया गया है।
भारतीय नौसेना ने सोशल मीडिया साइट फेसबुक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी किए हैं। यह आदेश 27 दिसंबर को जारी किया गया था। नौसेना की ओर से पाबंदी लगाने का यह आदेश 20 दिसंबर को विशाखापट्टनम से 8 व्यक्तियों और सात नौसेना कर्मियों और मुंबई से हवाला ऑपरेटर की गिरफ्तारी के बाद आया है।
स्मार्टफोन के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध...
फेसबुक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के अलावा, नौसैनिक क्षेत्रों के भीतर सभी ठिकानों और यहां तक कि जहाजों के आगे भी स्मार्टफोन के उपयोग पर पाबंदी लगा दी गई है। मैसेजिंग ऐप और सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर भी इस प्रतिबंध को लगाया गया है। फेसबुक पर प्रतिबंध को अन्य सभी फेसबुक के स्वामित्व वाली साइटों पर प्रतिबंध के रूप में देखा जा रहा है। बता दें, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनियां हैं।
इसलिए लगाई पाबंदी...
पाबंदी के इस कदम को हाल के मामलों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है, जहां दुश्मन ने इन साइटों और सोशल मीडिया नेटवर्क का इस्तेमाल करते हुए नौसैनिकों को निशाना बनाया था और कई जानकारी को मिटाने का प्रयास किया था।
गौरतलब है कि भारतीय नौसेना में कुल 67252 नौसैनिक हैं। प्रतिबंध से सबसे बड़ी चिंता, असैनिक कर्मचारियों और नौसैनिक डॉकयार्ड में काम करने वालों की होगी क्योंकि वे नौसेना के नियमों के अंतर्गत नहीं आते हैं। भारतीय नौसेना को अग्रणी सेवा के रूप में देखा जाता है जिसने अपनी परिचालन उपलब्धियों और मानव सहायता और आपदा राहत और यहां तक कि भर्ती विज्ञापन के बारे में जानकारी का प्रसार करने में सोशल मीडिया के उपयोग की कला में महारत हासिल कर ली है और यहां तक कि अपने लोकप्रिय फेसबुक पेज और ट्विटर हैंडल के माध्यम से भर्ती विज्ञापन। यह पहली सेवा थी जिसने खुद का यूट्यूब चैनल भी चैनल शुरू किया।