प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नये साल के पहले दिन सौगात के रूप में रांची के 1008 लाइट हाउस प्रोजेक्ट वाले नवीनतम तकनीक वाले घरों का ऑनलाइन शिलान्यास किया। वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से शिलान्यास किया। ग्लोबल हाउसिंग टेक्नोलॉजी इंडिया के तहत रांची के साथ साथ लखनऊ, इंदौर, अगरतला, चेन्नई और राजकोट में इस तकनीक वाले घर बनाये जायेंगे।
नवीनतम तकनीक वाले घरों में प्लास्टर की जरूरत नहीं होगी। विश्व स्तर पर टिकाऊ, आपदा रोधी, पर्यावरण के अनुकूल इस परियोजना से निर्माण की नवीन प्रौद्योगिकियों को भारत में मुख्य धारा में लाने में मदद मिलेगी। रांची को वरीयता देते हुए मॉडल के रूप में चुना गया है। इसमें प्रीकास्ट कंक्रीट कंस्ट्रक्शन सिस्टम-3 डी प्रीकास्ट वाल्यूमेट्रिक को अपनाया जा रहा है। 315 वर्गफीट के एक लाइट हाउस में एक हॉल, एक शयन कक्ष, एक रसोई घर, एक बालकनी, एक बाथरूम एवं एक शौचालय होगा। बिजली, पानी, रसोई गैस, पार्किंग, हाई स्पीड लिफ्ट, पार्क, अग्निशमन, की भी परिसर में व्यवस्था रहेगी। नई तकनीक से बनने वाले बिल्डिंग ब्लॉक को कारखानों में तैयार किया जायेगा और मल्टी स्टोरी टॉवर का निर्माण करने के लिए एक के ऊपर एक रखा जायेगा। 90 प्रतिशत निर्माण कार्य, कास्टिंग यार्ड में ही पूरा किया जायेगा। यह तकनीक प्रौद्योगिकी एवं धूल और प्रदूषण मुक्त वातावरण के साथ पारंपरिक इमारतों की तुलना में घरों का तेजी से और गुणवत्ता के साथ निर्माण करती है। 1008 लाइट हाउसों की झारखंड की यह परियोजना 133.99 करोड़ की है। प्रति आवास केंद्र सरकार 5.50 लाख रुपये राज्य सरकार द्वारा एक लाख रुपये और लाभर्थी का अंशदान 6.79 लाख का होगा।
शिलान्यास करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि लाइट हाउस प्रोजेक्ट देश में प्रयोग की तरह है। इससे गरीबों को सस्ता और सुंदर घर मिल सकेगा। इन घरों में बिजली, पानी के साथ गैस की सुविधा होगी। कम समय में घरों का निर्माण हो सकेगा। हाउसिंग फॉर ऑल का सपना इससे पूरा हो सकता है।
शिलान्यास के मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि गरीबों को इस योजना का सही तरीके से फायदा मिल सके इसके लिए जरूरी है कि लाभार्थी के अंशदान को सरकार कम करे। मौके पर संबंधित राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने नये साल पर शुभकामनाएं दीं ।