महाराष्ट्र में सरकार के गठन के बाद से लापता हुए चार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) विधायक में से दो विधायक सोमवार को मुंबई के हयात होटल पहुंच गए हैं। लौटे विधायकों ने शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को अपना समर्थन देने का वादा किया है। इस तरह अब एनसीपी के 52 विधायक शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी में वापस आ गए हैं। एनसीपी ने हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में 54 सीटें जीती थीं।
एनसीपी नेताओं ने कहा कि दो विधायक- दौलत दरोडा और अनिल पाटिल गुड़गांव के एक होटल में ठहरे थे और रविवार देर रात राष्ट्रवादी युवा कांग्रेस के अध्यक्ष धीरज शर्मा और राष्ट्रवादी छात्र कांग्रेस की प्रमुख सोनिया दुहान के साथ मुंबई वापस आए। पार्टी के नेताओं ने कहा कि एक अन्य विधायक नितिन पवार रविवार को ही मुंबई पहुंच गए थे, जबकि एनसीपी विधायक नरहरि जिरवाल फिलहाल दिल्ली में सुरक्षित स्थान पर हैं।
52 विधायक हमारे पास, एक और संपर्क में: नवाब मलिक
हाल के घटनाक्रम के बाद एनसीपी नेता नवाब मलिक ने बताया कि 52 विधायक शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी में वापस आ गए हैं। मलिक ने कहा, "पार्टी के 52 विधायक हमारे पास वापस आ गए हैं, एक और हमारे संपर्क में है।"
रविवार से होटल हयात में ठहरे हैं विधायक
रविवार शाम को, एनसीपी के सभी विधायकों को सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए मुंबई के हयात होटल ले जाया गया।
महाराष्ट्र की राजनीति में असमंजस कायम
लगभग एक महीने तक चली सरकार गठन की अनिश्चितता के बाद शनिवार की सुबह देवेंद्र फड़नवीस ने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में लगातार दूसरी बार शपथ ली, जबकि अजीत पवार ने उप-मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। इसके बाद एनसीपी ने अजीत पवार को अपने विधायक दल के नेता के रूप में हटा दिया है। पार्टी प्रमुख ने कहा कि अजीत का भाजपा के साथ गठबंधन करने का निर्णय पार्टी लाइन के खिलाफ था और जो भी विधायक उनके साथ गठबंधन करेगा, उसे दलबदल विरोधी कानून का सामना करना पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट ने रविवार को महाराष्ट्र सरकार, राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस, उनके डिप्टी अजीत पवार और केंद्र को नोटिस जारी करते हुए 25 नवंबर को सुबह 10 बजे तक विधायकों से प्रासंगिक दस्तावेज और समर्थन पत्र मांगे।