इस बार गणतंत्र दिवस परेड के दौरान पश्चिम बंगाल की झांकी नजर नहीं आएगी। दरअसल, रक्षा मंत्रालय ने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड के लिए पश्चिम बंगाल की झांकी के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि एक विशेषज्ञ समिति द्वारा कुछ आपत्तियां किए जाने के बाद इस साल गणतंत्र दिवस परेड समारोह के लिए पश्चिम बंगाल की झांकी का प्रस्ताव खारिज कर दिया गया।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "पश्चिम बंगाल सरकार की झांकी के प्रस्ताव को विशेषज्ञ समिति ने दो दौर की बैठकों में जांचा। पश्चिम बंगाल सरकार की झांकी का प्रस्ताव दूसरी बैठक में विचार-विमर्श के बाद समिति द्वारा आगे विचार के लिए नहीं लिया गया।"
गौरतलब है कि समान प्रक्रिया के तहत गणतंत्र दिवस परेड 2019 में भाग लेने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार की झांकी को शॉर्टलिस्ट किया गया था।
16 प्रस्ताव शॉर्टलिस्ट
मंत्रालय ने कहा कि 16 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों तथा छह मंत्रालयों और विभागों के प्रस्तावों को गणतंत्र दिवस पर्व 2020 में भागीदारी के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया। रक्षा मंत्रालय ने कहा, "गणतंत्र दिवस परेड में भागीदारी के लिए झांकी के चयन के लिए एक सुव्यवस्थित प्रणाली है, जिसके अनुसार रक्षा मंत्रालय सभी राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय मंत्रालयों / विभागों से झांकी के लिए प्रस्ताव आमंत्रित करता है।"
इस तरह किया जाता है शॉर्टलिस्ट
विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों से प्राप्त झांकी प्रस्तावों का मूल्यांकन विशेषज्ञ समिति की बैठकों की एक श्रृंखला में किया जाता है जिसमें कला, संस्कृति, चित्रकला, मूर्तिकला, संगीत, वास्तुकला, नृत्यकला और अन्य के क्षेत्र में प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल होते हैं। पैनल अपनी सिफारिशों को बनाने से पहले थीम, अवधारणा, डिजाइन और इसके दृश्य प्रभाव के आधार पर प्रस्तावों की जांच करता है। चयन प्रक्रिया में सर्वश्रेष्ठ झांकी को परेड का हिस्सा बनाया जाता है।
केन्द्र और ममता सरकार में बढ़ सकता है टकराव
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और केंद्र सरकार के बीच इन दिनों नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी को लेकर लगातार टकराव चल रहा है। गणतंत्र दिवस परेड में बंगाल की झांकी को शामिल न किए जाने से दोनों सरकारों में टकराव बढ़ सकता है। बंगाल की झांकी 2018 में भी परेड में शामिल नहीं की गई थी और उसका प्रस्ताव खारिज हो गया था।