नई दिल्ली। मोदी सरकार ने देश भर में लोगों को सस्ती दवाएं मुहैया करने लिए जन औषधि योजना का सुधारने में जुट गई है। जल्द ही इस योजना को नए स्वरूप में लॉन्च करने की तैयारी है। रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय की योजना अगले तीन साल के अंदर देश में 3 हजार जन औषधि स्टोर खोले जाएंगे। अहम बात यह होगी कि सस्ती दवाएं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने का जिम्मेदारी सांसदों को दी जाएगी। मंत्रालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि जन औषधि स्टोर पर दवाओं की कमी इस योजनाओं की कामयाबी की राह में सबसे बड़ी बाधा है। लिहाजा, इस बार सबसे ज्यादा जोर दवाओं की आपूर्ति और उपलब्धता पर रहेगा।
योजना के नए स्वरूप में जन औषधि स्टोर की निगरानी का जिम्मा सांसदों को दिए जाने पर विचार किया जा रहा है। योजना को नए सिरे लॉन्च करने के लिए मंत्रालय की ओर से पीएमओ को रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जून तक इसका ऐलान कर देंगे। गौरतलब है कि यूपीए के राज में शुरू हुई सस्ती दवाओं की जन औषधि योजना अपनी कई खामियों के चलते बुरी तरह नाकाम रही है। इसके पीछे दवा कंपनियों का दबाव और योजना के लिए दवाओं की आपूर्ति ठीक न होना भी बड़ी वजह है। इन खामियों को दूर करने के लिए मोदी सरकार योजना में कई बड़े बदलाव कर रही है।