मुंबई की एक अदालत ने मंगलवार को डीएचएफएल के प्रमोटर कपिल वधावन और भाई धीरज वधावन की अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। बता दें, कपिल और धीरज वाधवान 4 मई तक केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की हिरासत में हैं। बीते रविवार को दोनों को यस बैंक धोखाधड़ी मामले में कथित संलिप्तता को लेकर सतारा के महाबलेश्वर से गिरफ्तार किया गया था। दरअसल, यस बैंक घोटाला मामले में बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी राणा कपूर एवं अन्य के खिलाफ रिश्वतखोरी के मामले में सीबीआई प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।
महाबलेश्वर में हुई थी गिरफ्तार
मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक अधिनियम के तहत वित्तीय अनियमितता मामले में बीते 21 फरवरी को जमानत मिली थी। जिसके बाद देश में फैल रहे कोरोना वायरस को लेकर किए गए लॉकडाउन के दौरान अप्रैल की शुरुआत में लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करते हुए मुंबई से कार से महाबलेश्वर जाने के दौरान पकड़े गए थे। जिसके बाद उन्हें क्वारेंटाइन किया गया। इस बाबत पिछले सप्ताह महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने दोनों की क्वारेंटाइन अवधि खत्म होने के बाद सीबीआई से हिरासत में लेने का अनुरोध किया था।
क्या है आरोप
सीबीआई की प्राथमिकी के मुताबिक घोटाला 2018 के अप्रैल-जून के बीच शुरू हुआ, जब यस बैंक ने डीएचएलएफ के अल्पकालिक ऋण पत्रों में 3,700 करोड़ रुपये का निवेश किया था। आरोप के मुताबिक इसके बदले वधावन ने कथित रूप से राणा कपूर और उनके परिवार के सदस्यों को 600करोड़ रुपये का लाभ पहुंचाया।