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जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दी मंजूरी

जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी है। इससे पहले यह विधेयक...
जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दी मंजूरी

जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी है। इससे पहले यह विधेयक राज्यसभा और लोकसभा से पारित हो चुका था। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही अब जम्मू कश्मीर दो भागों में बंट चुका है और जम्मू कश्मीर और लद्दाख दो नए केंद्र शासित प्रदेश बन जाएंगे।  नए केंद्रशासित प्रदेश-जम्मू कश्मीर और लद्दाख 31 अक्टूबर को अस्तित्व में आएंगे।

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रपति ने जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 को मंजूरी प्रदान कर दी है।

इस बिल पर राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद अब जम्मू-कश्मीर दो भागों में बंट जाएगा। जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन कानून के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर अब केंद्र शासित प्रदेश बनेगा और लद्दाख भी इससे अलग होकर केंद्र शासित प्रदेश बन जाएगा। हालांकि, कश्मीर के पास अपना विधानसभा होगा, मगर लद्दाख के पास नहीं होगा। इस बिल को पास करवाने में के दौरान संसद में सरकार और विपक्ष में घमासान देखने को मिली।

मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा, ‘‘जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 (2019 के 34) की धारा 2 के खंड (ए) द्वारा प्रदत्त शक्तियों के अनुरूप, केंद्र सरकार ने इसके लिए अक्टूबर, 2019 के 31वें दिन को निर्धारित किया है, जो कि इस अधिनियम के उद्देश्यों के लिए निर्धारित दिन है।’’

इस विधेयक के अनुसार जम्मू कश्मीर केन्द्र शासित प्रदेश की पुडुचेरी की तरह विधानसभा होगी और लद्दाख चंडीगढ़ की तरह विधायिका के बिना केन्द्र शासित प्रदेश होगा। इन दोनों केन्द्र शासित प्रदेशों में कानून एवं व्यवस्था का जिम्मा केन्द्र के पास होगा।

केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में उपराज्यपाल होगा और इसकी विधानसभा की अधिकतम सीमा 107 होगी जिसे सीमांकन के बाद 114 तक बढ़ाया जायेगा। विधानसभा की 24 सीटें रिक्त पड़ी रहेगी क्योंकि ये सीट पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में है।

केन्द्र शासित प्रदेश लद्दाख में करगिल और लेह जिले होंगे। जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाये जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा था कि जम्मू कश्मीर लम्बे समय तक केन्द्र शासित प्रदेश नहीं बना रहेगा।

स्थिति सामान्य होने पर जम्मू-कश्मीर को देंगे पूर्ण राज्य का दर्जा

लोकसभा में चर्चा के दौरान अमित शाह ने कहा कि जहां तक केंद्र शासित राज्य का सवाल है तो मैं देश और मुख्य रूप से घाटी के लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि स्थिति सामान्य होते ही पूर्ण राज्य का दर्जा देने में हमें कोई संकोच नहीं होगा। अमित शाह ने यह भी कहा कि लोकसभा में अमित शाह ने कहा कि आर्टिकल 370 कश्मीर को भारत से जोड़ती नहीं, बल्कि तोड़ती है। धारा 370 ने यह शंका पैदा किया पूरी दुनिया में कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है या नहीं। कोई क्यों नहीं कहता कि पंजाब भारत का अभिन्न अंग है, सिर्फ कश्मीर को लेकर ही क्यों कहा जाता? यह 370 की वजह से ही है। हालांकि, हमारे संविधान में स्पष्ट रूप से वर्णित है।

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