दार्जिलिंग की चार दिवसीय यात्रा के बाद राष्ट्रपति बागडोगरा जा रहे थे, जहां से वह दिल्ली के लिए विमान से उड़ान भरने वाले थे। बारिश और घने कोहरे के कारण कम दृश्यता की वजह से यहां से 30 किलोमीटर की दूरी पर सोनादा के पास एसयूवी महिन्द्रा स्कॉर्पियो पेड़ों से टकरा जाने के बाद सड़क से फिसल कर गहरी खाई में गिर गया। यह स्कॉर्पियो राष्ट्रपति के काफिले में तीसरा वाहन था, जिसमें खुफिया ब्यूरो के सुरक्षा संपर्क अधिकारी और स्थानीय पुलिस के कई अधिकारी सवार थे।
भारी बारिश एवं घने कोहरे के कारण राष्ट्रपति को सड़क मार्ग से यात्रा करनी पड़ी, क्योंकि भारतीय वायु सेना का हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर सका। एडीजी (कानून व्यवस्था) अनुज शर्मा ने बताया कि हादसा उस वक्त हुआ, जब वाहन एक मोड़ से गुजर रहा था। उन्होंने बताया कि 45 मिनट तक चले बचाव अभियान के बाद छह सुरक्षा कर्मियों को बचा लिया गया और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
बचाव अभियान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की निगरानी में किया गया। उनका काफिला राष्ट्रपति के काफिले के ठीक पीछे ही था। सुरक्षा कर्मियों ने जैसे ही बचाव अभियान शुरू किया, ममता बनर्जी ने खुद लाउडस्पीकर ले लिया और खाई में गिरे सुरक्षा कर्मियों का पता लगाने के लिए उन्हें पुकारने लगीं। राष्ट्रपति पुत्र और सांसद अभिजीत मुखर्जी ने भी बचाव प्रयासों में योगदान दिया और खाई में जाने की कोशिश करने लगे। लेकिन सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें ऐसा करने से रोक लिया।
राष्ट्रपति के सचिवालय में काम करने वाले कर्मियों के साथ सैनिक भी बचाव अभियान में जुटे थे। घायल आईबी अधिकारी को दिल्ली ले जाया गया। सुरक्षा नियमों के मुताबिक सुरक्षा वाहनों के दरवाजे बंद नहीं किए जाते और यही उन सुरक्षा कर्मियों के लिए वरदान साबित हुआ, क्योंकि वाहन के खाई में गिरने के दौरान वे वाहन से बाहर गिर पड़े।
एजेंसी