प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर मॉरीशस पहुंचे। इस दौरान वह द्वीपीय देश के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे और देश के शीर्ष नेतृत्व के साथ बैठक करेंगे।
मोदी की यह यात्रा मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम के निमंत्रण पर हो रही है। यात्रा के दौरान दोनों देश क्षमता निर्माण, व्यापार और सीमा पार वित्तीय अपराधों से निपटने के क्षेत्रों में सहयोग के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे।
मॉरीशस रवाना होने से पहले मोदी ने सोमवार को कहा था कि उनकी यात्रा दोनों देशों के बीच संबंधों में एक "नया और उज्ज्वल" अध्याय जोड़ेगी।
मोदी मॉरीशस के राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे, प्रधानमंत्री के साथ बैठक करेंगे तथा द्वीपीय राष्ट्र के वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों और राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ भी बैठक करेंगे।
वह भारतीय समुदाय के सदस्यों के साथ भी बातचीत करेंगे तथा सिविल सेवा कॉलेज और क्षेत्रीय स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन करेंगे, जिनका निर्माण भारत की अनुदान सहायता से किया गया है।
मोदी ने मॉरीशस रवाना होने से पहले जारी एक बयान में कहा, ‘‘मैं अपने ‘सागर विजन’ के तहत, अपने लोगों की प्रगति और समृद्धि के साथ-साथ हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा और विकास के लिए अपनी स्थायी मित्रता को मजबूत करने तथा अपने सभी पहलुओं में अपनी साझेदारी को बढ़ाने के उद्देश्य से मॉरीशस नेतृत्व के साथ जुड़ने के अवसर की प्रतीक्षा में हूं।’’
‘सागर’ से आशय ‘सेक्युरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रीजन’ (क्षेत्र में सबके लिये सुरक्षा और विकास) से है। भारतीय सशस्त्र बलों की एक टुकड़ी, भारतीय नौसेना का एक युद्धपोत और भारतीय वायु सेना की आकाश गंगा ‘स्काईडाइविंग टीम’ (मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस) समारोह में भाग लेगी।
मोदी ने कहा, ‘‘हिंद महासागर में मॉरीशस एक करीबी समुद्री पड़ोसी, एक प्रमुख साझेदार और अफ्रीकी महाद्वीप का प्रवेश द्वार है। हम इतिहास, भूगोल और संस्कृति से एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘गहरा आपसी विश्वास, लोकतंत्र के मूल्यों में साझा विश्वास और अपनी विविधता पर गर्व हमारी ताकत है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के लोगों के बीच घनिष्ठ एवं ऐतिहासिक संबंध साझा गौरव का स्रोत है।
बता दें कि मोदी ने आखिरी बार 2015 में मॉरीशस का दौरा किया था।