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जल्द शुरू हो सकती हैं सार्वजनिक परिवहन की सेवाएं, गडकरी ने दिए संकेत

केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि सार्वजनिक परिवहन सेवाएं जल्द ही फिर से शुरू हो...
जल्द शुरू हो सकती हैं सार्वजनिक परिवहन की सेवाएं, गडकरी ने दिए संकेत

केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि सार्वजनिक परिवहन सेवाएं जल्द ही फिर से शुरू हो सकती हैं और सरकार कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सामाजिक दूरी के मानदंडों का पालन करने के लिए दिशानिर्देश तैयार कर रही है।

सड़क परिवहन, राजमार्ग और एमएसएमई मंत्री गडकरी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भारत के बस एन्ड कार ऑपरेटर्स कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडिया के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा, "सार्वजनिक परिवहन जल्द ही फिर से शुरू होने की संभावना है ... इसके लिए दिशानिर्देश भी जारी होंगे।"

सुरक्षा उपायों का रखा जाएगा ध्यान

उन्होंने कहा कि परिवहन और राजमार्गों के खुलने से जनता में विश्वास पैदा होगा और सामाजिक दूरी बनाए रखने और बसों और कारों के संचालन के दौरान हैंड वाश, सैनिटाइजिंग, फेस मास्क इत्यादि जैसे सभी सुरक्षा उपायों को अपनाने के प्रति सावधानी बरती जाएगी।

यात्री परिवहन उद्योग की समस्याओं को करेंगे दूर

यात्री परिवहन उद्योग के लिए समर्थन की मांग पर, गडकरी ने कहा कि सरकार उनकी समस्याओं के बारे में पूरी तरह से जागरूक है, और उनकी समस्याओं को कम करने के लिए उनका पूरा समर्थन करेगी। उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नियमित संपर्क में हैं, जो कोविड-19 महामारी के इन कठिन दिनों में अर्थव्यवस्था के उत्थान के लिए ओवरटाइम काम कर रहे हैं।

कॉन्फेडरेशन ने दिया सुझाव

गडकरी ने यह भरोसा जताया कि देश और उद्योग दोनों ही एक साथ दो लड़ाई जीतेंगे, पहला कोरोना के खिलाफ और दूसरा आर्थिक मंदी के खिलाफ। कॉन्फेडरेशन के सदस्यों की तरफ से सार्वजनिक परिवहन की स्थिति में सुधार के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं, इनमें ब्याज के भुगतान में छूट में बढ़ोत्तरी, सार्वजनिक परिवहन की शुरुआत करने, राज्य टैक्स को टालने और इंश्योरेंस पॉलिसी की वैधता को बढ़ाने जैसी चीजें शामिल हैं।

17 मई तक लागू है लॉकडाउन

कोरोना वायरस महामारी के खतरे को देखते हुए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को बढ़ाकर 17 मई तक किया गया है। इस दौरान रेलवे और फ्लाइट्स सर्विस को भी अनुमति नहीं दी गई है। हालांकि, फंसे हुए प्रवासी मजदूरों को निकालने के लिए रेलवे ने करीब 80 से ज्यादा श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं।

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