भारतीय सेना द्वारा नियंत्रण रेखा पार कर आतंकी ठिकानों पर किए गए लक्षित हमले के बारे में डीजीएमओ की घोषणा के बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आनन-फानन में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं को लक्षित हमले के बारे में बताया गया। सरकार का कहना था कि कुछ भारतीय शहरों को निशाना बनाने की आतंकवादियों की साजिश को विफल करने के लिए यह कदम उठाया गया। आधे घंटे की सर्वदलीय बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने बताया कि सभी राजनीतिक दलों ने सर्वसम्मति से सैन्य कार्रवाई का समर्थन किया जो जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा एवं पुंछ में नियंत्रण रेखा के पार 6000 फुट की उंचाई पर की गई और कुछ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया गया। नायडू ने कहा, गृहमंत्री ने सर्वदलीय बैठक को लक्षित हमले के बारे में बताया जिसे सेना ने न केवल जम्मू कश्मीर बल्कि कुछ अन्य महत्वपूर्ण शहरों में हमला करने की आतंकवादियों की साजिश को विफल करने के लिए किया। बैठक में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, वेंकैया नायडू, रामविलास पासवान, गुलाम नबी आजाद, सीताराम येचुरी, शरद यादव, शरद पवार, सतीश मिश्रा, प्रेमचंद गुप्ता के अलावा प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा भी उपस्थित थे।
वहीं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भेंट कर उन्हें सेना की कार्रवाई के बारे में बताया। स्वराज से पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सोनिया गांधी से मिले जो स्वास्थ्य लाभ कर रही हैं। एक बयान में कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि नियंत्रण रेखा के पार आतंकी अड्डों पर सेना द्वारा लक्षित हमले से एक कड़ा संदेश भेजा गया है और भारत में होने वाले सीमापार हमलों में पाकिस्तान की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। कांग्रेस पार्टी ने बयान जारी कर लक्षित हमलों की प्रशंसा की और कहा कि वह सशस्त्रा बलों के पीछे खड़ी है। भारत ने पिछली रात जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पार आतंकी ठिकानों पर लक्षित हमला किया और आतंकवादियों एवं उन्हें सहयोग पहुंचाने की कोशिश करने वालों को भारी नुकसान पहुंचाया। सेना की इस आकस्मिक कार्रवाई की घोषणा डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने आज की। करीब ग्यारह दिन पहले पाकिस्तान स्थित जैश ए मोहम्मद के आतंकवादियों ने कश्मीर के उड़ी में सैन्य शिविर पर हमला किया था। तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि हमलावर बख्शे नहीं जाएंगे तथा 18 जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी।