उत्तर प्रदेश में विधान परिषद की 13 सीटों पर शुक्रवार को हुए चुनाव में क्रॉस वोटिंग हुई। यूपी से राज्यसभा की 11 सीटों पर 12 उम्मीदवार हैं। विधान परिषद चुनाव में क्रास वोटिंग से राज्यसभा का मुकाबला भी दिलचस्प हो गया है। भाजपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार प्रीति महापात्रा और कांग्रेस के कपिल सिब्बल में से किसी एक को सीट मिलनी है। प्रीति के वोट 14 तक ही सिमट जाने के आसार हैं। बीजेपी के पास कुल 41 वोट हैं। इसमें से 34 उसके पहले उम्मीदवार को मिलेंगे। महज सात वोट ही एक्स्ट्रा हैं।
क्रॉस वोटिंग से एमएलसी चुनाव में कांग्रेस के 10 वोट दूसरी पार्टियों के खाते में गए हैं। सिब्बल के मामले में वोटिंग और भी कम हो सकती है। लिहाजा 34 वोट जुटाना उनके लिए आसान नहीं होगा। कांग्रेस देर रात तक क्रॉस वोटिंग करने वालों को चिह्नित करने और जिताऊ वोटों के लिए भागदौड़ में जुटी रही।
उधर, मध्य प्रदेश से राज्यसभा की तीन सीटों के लिए मतदान सुबह मतदान शुरू हो गया। कुल 228 विधायक मतदान में भाग ले रहे हैं। कांग्रेस के विधायक रामनिवास रावत ने सबसे पहला वोट डाला। राज्यसभा की तीन सीटों के लिये कुल चार उम्मीदवार मैदान में हैं- एमजे अकबर, अनिल दवे भाजपा उम्मीदवार, वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा कांग्रेस के और विनोद गोटिया भाजपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार हैं। बसपा के चार विधायकों के समर्थन की घोषणा के बाद उच्च सदन में जाने की तन्खा की राह आसान लग रही है। प्रदेश से राज्यसभा सीट जीतने के लिये एक उम्मीदवार को 58 वोट चाहिये। भाजपा के पास कुल 164 वोट हैं। इससे भाजपा के दोनों अधिकृत उम्मीदवारों एमजे अकबर और अनिल दवे की जीत निश्चित है। लेकिन गोटिया की राह मुश्किल दिखाई देती है क्योंकि भाजपा के अतिरिक्त बचे 48 वोट हासिल होने के बाद भी जादुई आंकड़े 58 तक पहुंचने के लिये उन्हें 10 और वोटों की आवश्यकता होगी। दूसरी ओर, कांग्रेस के पास 57 विधायक हैं और कांग्रेस के उम्मीदवार को जीतने के लिये केवल एक और वोट की आवश्यकता होगी। इसके साथ ही बसपा की मुखिया मायावती ने प्रदेश में बसपा के चार विधायकों को तन्खा के पक्ष में वोट डालने का व्हिप जारी किया है। इस बीच, सबकी नजरें तीन निर्दलीय विधायकों की तरफ टिकी हैं क्योंकि इन्होंने अपने पत्ते अभी तक नहीं खोले हैं कि वे किस ओर जाएंगे।
राजस्थान में राज्यसभा की चार सीटों के लिए पांच उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इनमें चार भाजपा से- केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू, भाजपा के राष्टीय उपाध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के प्रभारी ओम प्रकाश माथुर, हर्षवर्धन सिंह और राम कुमार वर्मा तथा निर्दलीय उम्मीदवार कमल मोरारका शामिल हैं। प्रदेश के 200 में से 199 विधायक मतदान करेंगे। बसपा के विधायक बी एल कुशवाहा को एक व्यक्ति की हत्या के आरोप में जेल में होने के कारण राजस्थान विधानसभा ने राज्यसभा चुनाव में मतदान करने की अनुमति नहीं दी है। चुनाव समीकरण के अनुसार उम्मीदवार को जीतने के लिए कम से कम चालीस मत चाहिए। ऐसे में भाजपा के 108 विधायक होने, चार निर्दलीय विधायकों के भाजपा के समर्थन में होने और जमींदारा पार्टी की दो महिला विधायकों के भाजपा के पक्ष में आने को देखते हुए भाजपा को चारों सीटें मिलना तय माना जा रहा है।
हरियाणा से केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह समेत तीन उम्मीदवार मैदान में हैं। ये सीटें अगस्त में रिक्त हो रही हैं। हरियाणा विधानसभा में 90 सदस्य हैं। कांग्रेस ने इनेलो के समर्थन वाले निर्दलीय उम्मीदवार एवं अधिवक्ता आरके आनंद को समर्थन देने की घोषणा की है। बीरेंद्र सिंह को पहली सीट पर आसान जीत मिलने का भरोसा है, लेकिन कांग्रेस के निर्णय ने मीडिया दिग्गज एवं भाजपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा का काम मुश्किल बना दिया है। 90 सदस्यीय सदन में इनेलो के 19 विधायक हैं और शिरोमणि अकाली दल का एक मात्रा सदस्य भी उसका सहयोगी है। बसपा के एकमात्र सदस्य ने भाजपा समर्थित चंद्रा को समर्थन देने की घोषणा की है। वे निर्दलीय और इनेलो के भी कुछ विधायकों का समर्थन मिलने का दावा कर रहे हैं। पांच निर्दलीय एवं एक बसपा विधायक के समर्थन के साथ भाजपा के पास 53 विधायकों का समर्थन है। उसे पहली सीट हासिल करने के लिए 31 मतों की आवश्यकता है। भाजपा के 47 विधायक, इनेलो के 19, कांग्रेस के 17, बसपा का एक, शिअद का एक विधायक है और पांच निर्दलीय विधायक हैं।