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रामदेव की एलोपैथी पर टिप्पणी ने पकड़ा तूल, योग गुरु के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज, पतंजलि ने दी सफाई

योगगुरु रामदेव की ऐलोपैथी के खिलाफ की गई टिप्पणी का मामला तूल पकड़ने लगा है। एक ओर जहां भारतीय चिकित्सा...
रामदेव की एलोपैथी पर टिप्पणी ने पकड़ा तूल, योग गुरु के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज, पतंजलि ने दी सफाई

योगगुरु रामदेव की ऐलोपैथी के खिलाफ की गई टिप्पणी का मामला तूल पकड़ने लगा है। एक ओर जहां भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) उन पर कार्रवाई की मांग कर रहा है। तो वहीं दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (डीएमए) ने शनिवार को योग गुरु रामदेव के खिलाफ आधुनिक चिकित्सा को "स्टुपिड साइंस" के रूप में वर्णित करने के लिए पुलिस शिकायत दर्ज की।

पुलिस शिकायत के साथ सौंपे गए एक बयान में, डीएमए ने आरोप लगाया, “संकट के इस समय में, पूरा देश महामारी से जूझ रहा है। जबकि बाबा रामदेव ने व्यक्तिगत लाभ के लिए चिकित्सा विज्ञान और चिकित्सा पेशे पर हमला किया है।"

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक, डीएमए ने दरियागंज पुलिस स्टेशन में अपनी शिकायत दर्ज करा दी है। अधिकारी ने कहा, "हमें शिकायत मिली है और जांच की जा रही है।"

वहीं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने एक बयान में कहा था कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को रामदेव के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि उन्होंने ऐलोपैथी और वैज्ञानिक चिकित्सा के खिलाफ “अज्ञानताभरा” बयान देकर लोगों को गुमराह करने का काम किया।


अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और सफदरजंग अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने भी रामदेव के बयान की निंदा की और उनके खिलाफ "कड़े कदम" उठाने की मांग की।


सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो का हवाला देते हुए, आईएमए ने कहा कि रामदेव ने दावा किया है कि "एलोपैथी एक स्टुपिड साइंस है" और रेमेडिसविर, फेविफ्लू, और भारत के ड्रग्स कंट्रोलर जनरल द्वारा अनुमोदित अन्य दवाएं कोविड-19 रोगियों के इलाज में विफल रही हैं।

एसोसिएशन ने योग गुरु के हवाले से कहा, "एलोपैथिक दवाएं लेने से लाखों मरीजों की मौत हो चुकी है।" शीर्ष डॉक्टरों के निकाय ने एक बयान में कहा, रामदेव पर महामारी रोग अधिनियम के तहत मुकदमा चलाया जाना चाहिए क्योंकि "अज्ञानतापूर्ण" बयान "देश के साक्षर समाज के साथ-साथ उनके शिकार होने वाले गरीब लोगों के लिए खतरा हैं।"

विवाद पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट के महासचिव आचार्य बालकृष्ण के हस्ताक्षर वाले बयान में कहा गया, “स्वामी जी की आधुनिक विज्ञान और आधुनिक चिकित्सा पद्धति से चिकित्सा करने वालों के खिलाफ कोई गलत मंशा नहीं है। उनके खिलाफ जो भी आरोप लगाया जा रहा है वह गलत व निरर्थक है।” इसमें कहा गया कि रामदेव चिकित्सकों और चिकित्साकर्मियों का “बेहद सम्मान” करते हैं जो महामारी के ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में दिन-रात काम करते हैं। इसमें आगे कहा गया कि वह “वह उन्हें और कार्यक्रम में भाग ले रहे कई अन्य सदस्यों को व्हाट्सऐप पर प्राप्त एक अग्रसरित संदेश पढ़ रहे थे।”

 

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