रक्षा बजट में पिछले साल के मुकाबले इस बार सिर्फ 7.81 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। पिछले वित्त वर्ष में 2.74 लाख करोड़ रुपये की तुलना में इस बार का रक्षा बजट 2.95 लाख करोड़ रुपये का होगा। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि सरकार दो डिफेंस इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन कोरिडोर विकसित करेगी। साथ ही, घरेलू रक्षा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सैन्य उत्पादन नीति लेकर आएगी।
Now that the announcement has been made for defence corridor, the first one will be built starting at Tamil Nadu, linking Chennai and Bengaluru. Announcement for the second corridor will soon be made: Defence Minister Nirmala Sitharaman #Budget2018 pic.twitter.com/s4hGpdJBLR
— ANI (@ANI) February 1, 2018
जीडीपी का 1.58 फीसदी रक्षा बजट
रक्षा मंत्रालय का बजट जीडीपी का लगभग 1.58 प्रतिशत है। वहीं, कुल बजट का यह 12.10 फीसदी है। वित्त वर्ष 2018-19 के लिए कुल बजट 24,42,213 करोड़ रुपये का है। रक्षा बजट के लिए आवंटित 2,95,511 करोड़ रुपये में सिर्फ 99,947 करोड़ रुपये नए हथियारों, एयरक्राफ्ट, युद्धक विमान आदि की खरीद के लिए रखा गया है। राजस्व व्यय के तहत सैलरी और रख-रखाव पर लगभग 1,95,947 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। जबकि 1,08,853 करोड़ रुपये राशि रक्षाकर्मियों के पेंशन के लिए अलग से रखी गई है।
विशेषज्ञों ने बजट को बताया अपर्याप्त
सेना के जानकारों का कहना है कि भारतीय सेना के आधुनिकीकरण के लिहाज से यह बहुत कम है। जबकि उत्तर में चीन और पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान से लगातार चुनौतियां मिल रही हैं। इंस्टीट्यूट ऑफ डिफेंस एंड एनालिसिस के डॉ. लक्ष्मण बहरा ने बताया, “यह बजट हमारी सेना के आधुनिकीकरण के लिए पर्याप्त नहीं है। इससे अधिक बजट की उम्मीद थी।”