उज्जैन के महाकाल मंदिर से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि शिवलिंग पर सिर्फ आरओ का पानी ही चढ़ाया जाएगा। यह आदेश शिवलिंग के क्षरण के कारण दिया गया है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में किस तरह से पूजा अर्चना हो यह तय करना हमारा काम नहीं है। हम केवल शिवलिंग को सुरक्षित रखने के लिए चिंतित हैं।
कोर्ट ने कहा था कि भस्म आरती कैसे होगी यह हम तय नहीं कर सकते हैं। मंदिर की पूजा पद्धति में हम किसी प्रकार का दखल नहीं देंगे। कोर्ट शिवलिंग को सुरक्षित और संरक्षित रखने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर सकता है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर प्रबंधन समिति को वह नोटिस बोर्ड तुरंत हटाने के लिए कहा था जिसमें लिखा था कि कोर्ट के निर्देश पर पूजा के नियम बताए गए हैं।
कोर्ट ने कहा था कि उसने कभी यह आदेश नहीं दिया कि धार्मिक अनुष्ठान कैसे हों और किस तरह से भस्म आरती की जाए। कोर्ट ने साफ किया कि उसका मंदिर और पूजा के रीति-रिवाजों से कोई लेना-देना नहीं है। कोर्ट यह मामला सिर्फ शिवलिंग को सुरक्षित रखने के लिए सुन रहा है और इसके लिए विशेषज्ञों की एक समिति बनाई गई है। जिसकी रिपोर्ट के आधार पर मंदिर प्रबंधन समिति ने यह प्रस्ताव पेश किए थे।