बढ़ते संक्रमण को लेकर केंद्र ने लोगों से अपील की है और सलाह दी है कि घर पर रहते हुए में भी वो मास्क का प्रयोग करें। ये हमें संक्रमण होने से बचाता है।नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी के पॉल ने सोमवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि यदि घर में कोई संक्रमित व्यक्ति है, तो उसे मास्क पहनना ही चाहिए, ताकि घर के अन्य लोग उसके कारण संक्रमित न हों। आगे उन्होंने वैक्सीनेशन को लेकर कहा कि। इस महामारी के इस तरह चलते हुए भी हमें वैक्सीनेशन और तेज़ गति से आगे लेकर जाना होगा, हम वैक्सीनेशन की गति को धीमा होने नहीं दे सकते हैं।
पॉल ने कहा कि मैं तो ये कहूंगा कि अब समय आ गया है कि हम सामान्य तौर पर भी घर के भीतर मास्क पहनना शुरू करें। हम घर के बाहर मास्क लगाने के बारे में बात करते थे, लेकिन संक्रमण जिस तरह फैल रहा है, उसे देखते हुए यदि हम घर के भीतर किसी के भी पास बैठे हैं, तब भी हम मास्क पहनें।
वहीं, टेस्टिंग को लेकर जानकारी देते हुए एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा, "अगर आपको कोविड के कोई भी लक्षण हों तो आप खुद को घर में आइसोलेट करें, रिपोर्ट आने का इंतजार न करें। कई बार आरटी-पीसीआर टेस्ट नेगेटिव भी आ सकता है क्योंकि उसकी संवेदनशीलता 100% नहीं है। उस स्थिति में भी मानकर चलना चाहिए कि आपको कोरोना है और उसका इलाज करना चाहिए।" गुलेरिया ने कहा, "अगर सब लोग होम आइसोलेशन नहीं करेंगे और पैनिक के कारण अस्पताल में भर्ती होना चाहेंगे तो दुनिया का कोई इंफ्रास्ट्रक्चर ऐसा नहीं है जो इन सब लोगों को मैनेज कर पाएगा।"
एम्स डायरेक्ट ने कहा, "जो भी कोरोना पाॅजिटिव आता है उसमें ये पैनिक हो जाता है कि कहीं मुझे बाद में ऑक्सीजन और अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत न पड़े इसलिए मैं अभी भर्ती हो जाता हूं। इससे अस्पतालों के बाहर बहुत भीड़ हो जाती है और वास्तविक मरीज़ों को इलाज नहीं मिल पाता है। इस पैनिक के कारण लोग घर पर दवाईयां स्टोर करने लगते हैं और इससे बाज़ार में जरूरी दवाईयों की बेवजह कमी हो रही है। कई लोग सोचते हैं कि कोरोना है तो मैं पहले दिन ही सारी दवाई शुरू कर लेता हूं, इससे साइड इफैक्ट ज़्यादा होते हैं।"