अक्सर अपने विवादित बयानों से सुर्खियों में रहने वाली जेएनयू की पूर्व छात्र नेता शेहला रशीद एक बार फिर से चर्चा में हैं। इस बार उनके पिता अब्दुल रशीद शोरा ने ही उन पर एंटी नेशनल होने और जान का खतरा होने जैसे आरोप लगाए हैं।
शेहला रशीद के पिता ने जम्मू-कश्मीर के डीजीपी को पत्र लिखकर अपनी बेटी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अब्दुल रशीद ने पत्र में दावा करते हुए लिखा है कि उन्हें अपनी बेटी से जान का खतरा है। उन्होंने बेटी पर एंटीनेशनल होने का भी आरोप लगाया है। हालांकि शेहला ने इसे 'आधारहीन और घृणित' कहा है शेहला ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि परिवार में ऐसा नहीं होता, जैसा मेरे पिता ने किया है। उन्होंने मेरे साथ-साथ मेरी मां और बहन पर भी बेबुनियाद आरोप लगाए हैं।
32 साल की शेहला रशीद जेएनयू की पूर्व छात्रनेता और कश्मीरी नेता के तौर पर काफी प्रसिद्धि पा चुकी हैं। शेहला का जन्म श्रीनगर के हब्बा कदल मोहल्ले में हुआ था।ये यहां का एक पुराना क्षेत्र माना जाता है। उनके पिता अब्दुल रशीद और मां के बीच संबंध अच्छे नहीं चल रहे हैं। शेहला ने स्वंय अपने एक बयान में कहा है कि वो अपनी बहन और मां के साथ पिता पर घरेलू हिंसा जैसा मामला दर्ज कराने जा रही थीं।
फरवरी 2016 में जेएनयू कैंपस में हुई कथित देशविरोधी नारेबाजी मामले में पहली बार शेहला रशीद का नाम सुर्खियों में आया था। इसके बाद लगातार वो ट्विटर पर ट्रोलर्स के निशाने पर भी रहीं।
वे पहले भी विवादों में रही हैं। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन ने फरवरी 2017 में पैगंबर मोहम्मद साहब पर एक फेसबुक पोस्ट लिखने पर उनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई थी। शेहला पर आरोप था कि उन्होंने अपने पोस्ट में पैगंबर के लिए बेहद आपत्तिजनक बात लिखी थी। अक्टूबर 2018 में उन्होंने एक आइरिश गायिका के धर्म परिवर्तन को लेकर ट्वीट किया था। जिसे लेकर काफी ट्रोल हुई थीं और अपना ट्विटर अकाउंट भी बंद कर दिया था जो बाद में खुला।
वहीं फरवरी 2019 में देहरादून पुलिस ने उनके विरुद्ध मामला दर्ज किया था। पुलिस ने उनके एक ट्वीट को आधार बनाया था। जिसमें उन्होंने देहरादून के हॉस्टल में 15-20 कश्मीरी लड़कियों को बंधक बनाने का आरोप लगाया था।
फिर 2019 में अपने ट्वीट को लेकर विवादों में आईं जिसमें उन्होंने कहा था कि भारतीय सेना कश्मीरियों को प्रताड़ित कर रही है। ये बयान उन्होंने धारा 370 हटाए जाने पर कश्मीर में हो रही गतिविधियों पर दिया था। इस पर भारतीय सेना ने जवाब देते हुए इसे गलत खबर कहा था। यही नहीं उच्चतम न्यायालय के वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने उनके खिलाफ़ मामला दर्ज कराया गया था।