Advertisement

'झुकती है दुनिया झुकाने वाला चाहिए', कृषि कानूनों की वापसी पर लोग इस तरह दे रहे प्रतिक्रिया

आखिरकार तीनों कृषि कानूनों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वापस ले लिया है। कृषि कानूनों की वापसी के...
'झुकती है दुनिया झुकाने वाला चाहिए', कृषि कानूनों की वापसी पर लोग इस तरह दे रहे प्रतिक्रिया

आखिरकार तीनों कृषि कानूनों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वापस ले लिया है। कृषि कानूनों की वापसी के बाद पूरे देश के किसान खुश हैं। हालांकि किसान नेताओं ने कहा है कि जब तक पूरी प्रक्रिया अपनाकर संसद में इसे वापस नहीं लिया जाता वो संतुष्ट नहीं होंगे। वहीं इस फैसले को लेकर सोशल मीडिया पर भी तमाम तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कोई इस फैसले को चुनाव से जोड़कर देख रहा है तो कोई इसे मास्टरस्ट्रोक बता रहा है। आइए देखते हैं कौन क्या कह रहा है-

दरअसल, गुरू नानक देव के प्रकाश पर्व के मौके पर देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'किसानों के हित की बात हम कुछ किसानों को समझा नहीं पाए। शायद हमारी तपस्या में कमी रही। भले ही किसानों का एक वर्ग इसका विरोध कर रहा था। हमने कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया।'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस ऐलान के बाद सोशल मीडिया में रिएक्शन की बाढ़ आ गई। एक यूजर ने ट्विटर पर लिखा, भक्त कहते थे मोदी है नही झुकेगा, 'झुकती है दुनिया झुकाने वाला चाहिए'। यूपी चुनाव में हार देखते हुए तीनों कृषि कानून वापस लिए गए। शहीद किसानों को श्रद्धांजलि।

 

फिल्म अभिनेता सोनू सूद ने लिखा, किसान वापिस अपने खेतों में आयेंगे। देश के खेत फिर से लहराएंगे। धन्यवाद नरेंद्र मोदी जी। इस ऐतिहासिक फैसले से किसानों का प्रकाश पूरब और भी ऐतिहासिक हो गया। जय जवान जय किसान।

अभिनव पांडेय नाम के एक यूजर ने लिखा, पंजाब के किसानों से मिलने और उनका जूनून देखने के बाद 14 जनवरी 2021 को राहुल गांधी ने कहा था, "मेरे शब्दों को नोट कर लीजिए,सरकार ये कृषि कानून वापस लेने के लिए मजबूर हो जाएगी। मेरी इस बात को याद रखिएगा।" आज वो बात याद आ गई,क्योंकि बात सच निकली।

वहीं, एक अन्य यूजर ने लिखा कि 'कृषि आंदोलन में शहीद हुए 700 से ज्यादा किसानों को नमन, आपकी कुर्बानी व्यर्थ नहीं गई, मोदी को आखिरकार झुकना ही पड़ा, किसान एकता जिंदाबाद! इंकलाब जिंदाबाद। एक अन्य यूजर ने लगान की तस्वीर लगा रखी है, जिस पर लिखा है, “हम जीत गए।”

हालांकि, कई लोग तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का विरोध भी कर रहे हैं। एक ट्विटर यूजर ने लिखा, 'यह बहुत ही दुःखद है कि कुछ सिरफिरों के बहकावे में आकर आपने नये कृषि कानून रद्द कर दिए है, इन कृषि कानून का महत्व नौकरी के लिए दूसरे शहर में बस गये लोगों को मालूम था जो खेती के लिए समय से घर नहीं आ पाते थे।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad