भारत में हर दिन कोई न कोई त्यौहार मनाया जाता है। विभिन्न धर्मों, संप्रदायों और आस्थाओं को मानने वाले लोग अपने त्यौहारों को पूरे उल्लास के साथ मनाते हैं, लेकिन 26 जनवरी एक ऐसा दिन है, जो देश का राष्ट्रीय पर्व है। देश के सभी धर्म और जाति के लोग इस दिन को राष्ट्र प्रेम से ओतप्रोत होकर मनाते हैं। 26 जनवरी 2019, जब भारत अपना 70वां गणतंत्र दिवस मनाएगा जिसकी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। हर साल की तरह इस बार भी 23 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड की फुल ड्रेस रिहर्सल की गई। गणतंत्र के इस राष्ट्रीय महापर्व को लेकर राजपथ के कोने-कोने को सजा दिया गया है। भारत के इस शौर्य और पराक्रम के पल का साक्षी बनने के लिए प्रत्येक वर्ष राजपथ से लेकर लाल किले तक लाखों लोगों की भीड़ जुटती है।
दरअसल, अब से सात दशक पहले 26 जनवरी, 1950 को न सिर्फ देश का संविधान लागू हुआ था बल्कि देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने शपथ भी ग्रहण की थी। यही वजह है कि 26 जनवरी का दिन बेहद ऐतिहासिक है और इसीलिए हर साल गणतंत्र दिवस को बेहद ही शानदार तरीके से मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस के राष्ट्रीय पर्व पर सरकारी कार्यालयों और संस्थानों में तो कार्यक्रम आयोजित होते ही है लेकिन देश की राजधानी दिल्ली में इसे भव्य रूप में मनाया जाता है। राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक राजपथ पर इस दिन भव्य कार्यक्रम आयोजित होते हैं।
इस दिन राष्ट्रीय ध्वज फहराने से लेकर सेना के तीनों अंगों का सलामी कार्यक्रम और फिर अलग-अलग राज्यों और विभागों की झांकियां निकलती हैं, ये सभी चीजें हैं जो गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम को और भी भव्य बनाती है। गणतंत्र दिवस परेड को देखने के लिए हजारों लोग इंडिया गेट पहुंचते हैं।
90 मिनट की होगी परेड
गृह मंत्रालय के अनुसार, इस बार गणतंत्र दिवस पर 90 मिनट की परेड होगी। परेड के मुख्य आकर्षणों में 58 जनजातीय अतिथि, विभिन्न राज्यों और केंद्र सरकार के विभागों की 22 झाकियां होगी। गणतंत्र दिवस पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा मुख्य अतिथि होंगे।
पीएम मोदी करेंगे कार्यक्र की शुरुआत
गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति पर शहीदों को पुष्पचक्र चढ़ाकर करेंगे। गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक रिलीज में बताया गया कि इस साल के गणतंत्र दिवस के मौके पर विभिन्न राज्यों की झांकियों के साथ सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और विकास पर आधारित केंद्र सरकार के विभागों की झांकियां परेड का हिस्सा होंगी। सांस्कृतिक विषय पर आधारित कुछ झांकियों में लोक नृत्य भी होगा साथ ही राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजे गए 26 बच्चे भी खुली जीप में बैठकर झांकी का हिस्सा बनेंगे।
गणतंत्र दिवस परेड सुबह 9.50 बजे विजय चौक से शुरू होगी और राजपथ, इंडिया गेट, तिलक मार्ग, बहादुर शाह जफर मार्ग और नेताजी सुभाष मार्ग से होते हुए किला किला मैदान की ओर जाएगी।
11 साल के बाद गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा ले रही है सीआईएसएफ की झांकी
बता दें कि महात्मा गांधी की ‘समाधि' को सुरक्षा कवच मुहैया कराने वाले केंद्रीय अर्ध सैनिक बल सीआईएसएफ की झांकी भी इस बार 11 साल के अंतराल के बाद गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा ले रही है। बल की झांकी में महात्मा गांधी की समाधि पर सुरक्षा में तैनात जवानों को दिखाया जाएगा।
855 पुलिसकर्मियों को पुलिस पदक से किया गया सम्मानित
इस वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर कुल 855 पुलिस कर्मियों को पदक से सम्मानित किया गया है। शौर्य के लिए राष्ट्रपति के पुलिस पदक (पीपीएमजी) से तीन कर्मियों को सम्मानित किया गया है, शौर्य के लिए पुलिस पदक (पीएमजी) से 146 कर्मियों को नवाजा गया है, विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति के पुलिस पदक से 74 कर्मियों को और उत्कृष्ट सेवा के लिए पुलिस पदक से 632 कर्मियों को सम्मानित किया गया है।
शौर्य के लिए सभी तीनों राष्ट्रपति पुलिस पदक से सीआरपीएफ कर्मियों को सम्मानित किया गया है। शौर्य के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किए गए 146 कर्मियों में से 41 सीआरपीएफ के हैं। इसी तरह इनमें ओडिशा पुलिस के 26, जम्मू-कश्मीर पुलिस के 25, छत्तीसगढ़ पुलिस के 14, मेघालय के 13, उत्तर प्रदेश के 10, बीएसएफ के 08, दिल्ली के 04, झारखंड के 03 और असम राइफल्स एवं आईटीबीपी के 1-1 कर्मी हैं।
ये होंगे गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि
इस बार गणतंत्र दिवस पर दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा मुख्य अतिथि होंगे। विदेश मंत्रालय ने बताया कि रामफोसा के साथ उनकी पत्नी डॉ. शेपो मोसेपे, नौ मंत्रियों सहित उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल, वरिष्ठ अधिकारी और 50 सदस्यों का व्यावसायिक प्रतिनिधिमंडल भी होगा। बता दें कि नेल्सन मंडेला के बाद वह दक्षिण अफ्रीका के दूसरे राष्ट्रपति होंगे जो गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि होंगे।
जानें क्यों मनाया जाता हैं गणतंत्र दिवस
भारत को 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली, जिसके बाद 26 जनवरी 1950 को भारत गणतंत्र देश के रूप में बदला और देश में संविधान लागू हुआ। यही कारण है कि हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। पीआईबी के अनुसार, देश में 26 जनवरी 1950 को सुबह 10.18 बजे भारत एक गणतंत्र बना। इस के छह मिनट बाद 10.24 बजे राजेंद्र प्रसाद ने भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। इस दिन पहली बार बतौर राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद बग्गी पर बैठकर राष्ट्रपति भवन से निकले थे। इस दिन पहली बार उन्होंने भारतीय सैन्य बल की सलामी ली थी। पहली बार उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया था।