गृह मंत्रालय ने कहा है कि वीजा नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए मलेशिया और थाईलैंड सहित 16 देशों से आए लगभग 300 विदेशियों का वीजा ब्लैकलिस्ट किया जाएगा। वहीं, गृह मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय से तबलीगी (इस्लाम प्रचारक) कार्यकर्ताओं के वापसी टिकट का ब्योरा मांगा है। गृह मंत्रालय के मुताबिक इसके 1339 लोगों को नरेला, सुलतानपुरी, बक्करवाला और झज्जर एम्स में क्वारंटाइन किया गया है। मंत्रालय के मुताबिक इस साल अब तक 2,100 विदेशी तबलीगी भारत आए है। वहीं, 21 मार्च तक 824 तबलीगियों ने देश के विभिन्न हिस्सों में गए। जिसमें से 216 लोग निजामुद्दीन मरकज में ठहरे। गृह मंत्रालय के मुताबिक 303 तबलीगी कार्यकर्ता में कोविड-19 के लक्षण दिखने के बाद उन्हें दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
बता दें, निजामुद्दीन मरकज के अब तक 24 लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि हो चुकी है।
वीजा किया जाएगा ब्लैकलिस्ट
गृह मंत्रालय के अधिकारी के मुताबिक ये सभी दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में पिछले दिनों आयोजित एक इस्लामिक समारोह में भाग लिया था, जो देश में कोरोनोवायरस के प्रसार का प्रमुख कारण बन गया है। ये सभी पर्यटक वीजा पर भारत आए थे, जिसके मुताबिक इन लोगों ने नियमों का उल्लंघन कर धार्मिक गतिविधि में शामिल हुए। पुलिस की अनुमति के बिना लॉकडाउन के बीच इस सभा का आयोजन किया गया था।
बता दें, निजामुद्दीन मरकज में करीब 8 हजार लोग शामिल हुए थे। सोमवार को इसमें से कई लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण दिखने के बाद सभी को अस्पताल ले जाकर परीक्षण कराया गया। खबरों के मुताबिक इसमें से 30 लोगों के परिणाम पॉजिटिव पाए गए हैं। वहीं कम से कम तीन लोगों ने संक्रमण की वजह से दम तोड़ दिया है।
ब्लैकलिस्ट होने पर भारत कभी नहीं आ पाएंगे
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारी के मुताबिक ये सभी लोग पर्यटक वीजा पर आए थे, लेकिन निजामुद्दीन में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। इन लोगों ने वीजा सूची के नियमों का उल्लंघन किया गया है। क्योंकि पर्यटक वीजा धारक धार्मिक समारोह में शामिल नहीं हो सकते है। गौरतलब है कि यदि किसी विदेशी को गृह मंत्रालय की काली सूची में डाल दिया जाता है तो वह भविष्य में भारत की यात्रा नहीं कर सकता है।
इन देशों के लोगों ने लिया हिस्सा
पिछले दो दिनों में निजामुद्दीन इलाके से पुलिस ने 281 लोगों क पकड़ा है। इनमें नेपाल के 19लोग, मलेशिया के 20 लोग, अफगानिस्तान के एक, म्यांमार के 33, अल्जीरिया के एक, जिबूती के एक, किर्गिस्तान के 28, इंडोनेशिया के 72,थाईलैंड के 7, श्रीलंका के 34, बांग्लादेश के 19, इंग्लैंड के तीन लोगो शामिल हैं। जबकि सिंगापुर से एक, फिजी से 4, और फ्रांस-कुवैत से एक-एक शामिल हैं।